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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बजट समय से पहले पेश करने से रोकने का कानून नहीं, अब 20 जनवरी को होगी सुनवाई

विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय बजट पेश हो या नहीं इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में 20 जनवरी को सुनवाई होगी।

Updated on: 13 Jan 2017, 05:48 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बजट समय से पहले पेश करने से रोकने का कानून नहीं
  • कोर्ट ने कहा, हमने प्रावधान ढूढने की कोशिश की लेकिन हमें नहीं मिले
  • बजट पेश करने से रोकने संबंधी याचिका पर अब 20 जनवरी को होगी सुनवाई

नई दिल्ली:

विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय बजट पेश हो या नहीं इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट (SC) में 20 जनवरी को सुनवाई होगी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव से पहले बजट रोके जाने के मसले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से पूछा कि वह कानून में इस तरह का कोई प्रावधान बताएं जिसके चलते सरकार को बजट समय से पहले पेश करने से रोका जा सके।

चीफ जस्टिस जगदीश सिंह केहर और जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता वकील एम.एल.शर्मा से कानून के उन प्रावधानों का उल्लेख करने को कहा जिससे केंद्र सरकार को एक फरवरी को बजट पेश करने से रोका जा सके।

खंडपीठ ने शर्मा को बताया, 'हमने प्रावधान ढूढने की कोशिश की लेकिन हमें नहीं मिले।' पीठ ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि कानून या संविधान के कौन से प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।

खंडपीठ ने प्रावधानों को ढूंढने के लिए शर्मा को 20 जनवरी तक का समय दिया ताकि एक फरवरी को बजट पेश करने से रोका जा सके। शर्मा ने याचिका में कहा है कि पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा) में चुनाव के बाद आम बजट पेश किया जाए। 5 फरवरी से 8 मार्च तक विधानसभा चुनाव होने हैं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बजट को मार्च तक टालने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया था।

विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद विपक्षी दलों ने बजट रोके जाने की मांग की है। राजनीतिक दलों को लगता है कि चुनाव से पहले बजट पेश होने से बीजेपी को फायदा पहुंचेगा। वहीं केंद्र ने साफ कर दिया है कि वह एक फरवरी यानी चुनाव से पहले बजट पेश करेगा।

विपक्षी दलों की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने कैबिनेट सचिव ने पत्र लिखकर सरकार के रूख की जानकारी मांगी थी। जिसके बाद सरकार ने अपना रूख साफ कर दिया है।

सरकार ने साफ किया कि आम बजट संवैधानिक प्रक्रिया है और इसका महत्व केवल कुछ राज्यों तक सीमित न रहकर पूरे देश के लिए है।

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