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विपक्षी दलों की गोलबंदी के बाद सरकार ने भी साफ कर दिया है कि वह नोटबंदी के फैसले से पीछे नहीं हटने वाली है

केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता को देखकर सरकार ने भी संसद के शीतकालीन सत्र के पहले अपनी रणनीति तैयार कर ली है।

Updated on: 15 Nov 2016, 07:46 AM

highlights

  • नोटबंदी को लेकर विपक्षी दलों की एकजुटता के बाद शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है 
  • शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले एनडीए ने नोटबंदी के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया है

New Delhi:

केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता को देखकर सरकार ने भी संसद के शीतकालीन सत्र के पहले अपनी रणनीति तैयार कर ली है। विपक्षी दल नोटबंदी और इसके कारण हो रही समस्या को मुद्दा बनाने का फैसला ले चुके है। इसके बाद एनडीए ने प्रस्ताव पारित कर सरकार के फैसले को अपना समर्थन दिया। एनडीए की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, 'विपक्षी दलों के आरोप बेबुनियाद है और हम सही समय पर इसका जवाब देंगे।'

 हालांकि नोटबंदी से हो रही परेशानी को लेकर महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिव सेना ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नोटबंदी को लेकर हो रही लोगों की परेशानी का मुद्दा उठाते हुए कहा था, 'जनता इसका जवाब देगी।'

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विपक्ष के बढ़ते दबाव को खारिज करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा, 'फैसले पर दोबारा सोचने का सवाल नहीं है।' कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी लगातार मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन किए जाने के फैसले का विरोध कर रही है।

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने जहां सरकार के इस फैसले को आर्थिक आपातकाल करार दिया तो वहीं केजरीवाल ने नोटबंदी के फैसले से हो रही परेशानी को देखते हुए पीएम से देश से माफी मांगने की अपील की है।

लोगों को अभी भी नए नोट मिलने में परेशानी हो रही हैं वहीं जिन्हें 2000 रुपये के नए नोट मिल चुके हैं, उन्हें बाजार में इसे चलाने में परेशानी हो रही है। इसके अलावा देश में नोट बदलने के लिए लंबे समय तक लाइन में लगे रहने की वजह से कथित तौर पर मौत के मामले सामने आए हैं। कुछ इलाकों में बैंकों और एटीएम में तोड़-फोड़ और गोलीबारी की भी खबरें आई हैं।

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हालांकि मोदी सरकार साफ कर चुकी है कि वह नोटबंदी के फैसले से पीछे नहीं हटने वाली। बल्कि मोदी दिसंबर बाद भी काला धन और बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दे चुके हैं। बैठक के बाद वेंकैया नायडू ने कहा, 'देश मोदी सरकार के साथ है और हर कोई इस बात को मानता है कि यह ऐतिहासिक फैसला है। बड़े फायदे के लिए छोटे नुकसान उठाने पड़ते हैं।'


हंगामेदार रहेगा संसद सत्र

मंगलवार से शुरु हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आज कई विपक्षी दलों की बैठक हुई। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, जेडीयू, झारखंड मुक्ति मोर्चा, सीपीआई और सीपीआई (एम) सहित कई दूसरी पार्टियों ने बैठक कर संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति पर विचार विमर्श किया।

मंगलवार को एक बार फिर से सभी दलों की बैठक होगी। विपक्षी दलों की एकजुटता को देखते हुए सरकार के लिए यह सत्र बेहद मुश्किल साबित हो सकता है। विपक्ष की एकजुटता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मुद्दे पर सीपीआई (एम) से हाथ मिलाने तक के संकेत दे चुकी हैं।

दिल्ली की बैठक में हालांकि बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया। लेकिन मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर सबसे अधिक हमलावर हैं।