logo-image

बीजेपी सांसद और विधायक के बीच 'जूता वॉर' की ये है असली वजह

उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच जो कुछ भी हुआ वो दिखने में तो अप्रत्‍याशित लग रहा था, लेकिन

Updated on: 07 Mar 2019, 10:25 AM

संतकबीर नगर:

उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच जो कुछ भी हुआ वो दिखने में तो अप्रत्‍याशित लग रहा था, लेकिन इसके पीछे दोनों माननीयों के बीच अदावत पुरानी है. इधर लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर विधायक राकेश सिंह बघेल सांसद शरद त्रिपाठी के टिकट का विरोध कर रहे थे. वह इस अभियान में काफी हद तक सफल होते नजर आ रहे थे. इस बात की भनक शरद त्रिपाठी को लग चुकी थी. सांसद और विधायक के बीच अहम का टकराव जिले में पार्टी के 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' सहित कई कार्यक्रमों के दौरान साफ तौर पर दिखाई दिया. मौजूदा तीनों विधायकों आपस में एक हो गए और सभी ने सांसद के खिलाफ बिगुल फूंक दिया.

यह भी पढ़ेंः  योगी के मंत्री के सामने बीजेपी सांसद ने अपनी ही पार्टी के विधायक को मारे जूत, देखें VIDEO

दरअसल सपा-बसपा गठबंधन में संतकबीर नगर सीट मायावती के खाते में गई है. 2019 के लोकसभा चुनाव में शरद त्रिपाठी को दोबारा टिकट मिलने पर संशय बना हुआ है. संतकबीर नगर से सपा के दिग्गज नेता भालचंद यादव यह सीट बसपा के खाते में जाने से बीजेपी से टिकट के लिए हाथ पांव मार रहे हैं. पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात भी कर चुके हैं. सूत्रों के अनुसार बीजेपी की ओर से उन्हें हरी झंडी भी मिल चुकी है. शरद त्रिपाठी का टिकट कटना लगभग तय हो चुका है.

यह भी पढ़ेंः उत्‍तर प्रदेशः एक अफवाह से धधक उठा मेरठ, 100 से ज्यादा झुग्गियां फूंकी

संतकबीर नगर जिले के ब्राह्मण थानेदारों के ट्रांसफर को लेकर हाल ही में राकेश सिंह बघेल का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो ब्राह्मण को बिटामिन-B बता रहे थे. इस ऑडियो में वे कथित तौर पर कह रहे हैं कि जिले के सारे बिटामिन-B को भेज दिया है बस दो बचे हैं.

कौन हैं शरद त्रिपाठी

सांसद शरद त्रिपाठी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र हैं और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के गुट के माने जाते हैं. जबकि राकेश सिंह बघेल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी बताए जाते हैं. योगी के सीएम बनने के बाद राकेश सिंह बघेल की तूती पूरे जिले में बोल रही है. कहा जाता है कि जिला प्रशासन सांसद शरद त्रिपाठी से ज्यादा विधायक राकेश सिंह बघेल की बातों को तवज्जो देता है.

यह भी पढ़ेंः अपनी ही पार्टी के विधायक को जूता मारने के बाद BJP सांसद शरद त्रिपाठी ने ये कहा

बीजेपी ने शरद को पहली बार 2009 के लोकसभा चुनाव में टिकट दिया था, लेकिन हरिशंकर तिवारी के बेटे कुशल तिवारी के हाथों हार गए थे. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में शरद त्रिपाठी सांसद बनने में सफल रहे. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद से उनका बीजेपी के जीते विधायकों से मनमुटाव कई कार्यक्रमों में साफ दिखाई देने लगा.