logo-image

सिर्फ 6 हफ्ते ही मेयर की कुर्सी पर काबिज होंगी शैली ओबेरॉय, ये है बड़ी वजह

दिल्ली एमसीडी नियम के अनुसार, पहले साल महिला मेयर होता है. पहले साल के लिए मेयर का पद महिला पार्षद के लिए आरक्षित है.

Updated on: 22 Feb 2023, 08:10 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 के नतीजे दिसंबर महीने के दूसरे हफ्ते में आ गए थे, चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को बहुमत मिला था, लेकिन सियासी दांवपेंच के चलते मेयर का चुनाव नहीं हो पा रहा था. करीब तीन महीने बाद दिल्ली को मेयर मिल गई.  84 दिन के लंबे इंतजार के बाद आप की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय 34 वोटों से जीत कर मेयर बन गईं. शैली ओबेरॉय ने बीजेपी प्रत्याशी रेखा गुप्ता को शिकस्त देते हुए चुनाव जीत लिया. दिल्ली एमसीडी में पहली बार आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय मेयर बनी हैं. हालांकि, शैली का कार्यकाल काफी छोटा है. वह इस पद पर सिर्फ 38 दिन की मेयर रह पाएंगी. 31 मार्च के बाद इस पद के लिए फिर से चुनाव होगा.

शैली ओबेरॉय को मिले 150 वोट

मेयर पद के लिए हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय को 150 वोट मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार रेखा गुप्ता को 116 मत प्राप्त हुए हैं. दिल्ली में मेयर पद को लेकर बीजेपी और आप के बीच कड़ा मुकबला हुआ है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. सियासी खींचतान के बाद मेयर पद पर आप की उम्मीदवार चुनाव जीत पायी है. 

यह भी पढ़ें: कौन हैं AAP की मेयर शैली ओबेरॉय, जो सियासत की पिच पर पहली बार में ही बन गई 'कैप्टन'

कैसे होता है मेयर का चुनाव
 एमसीडी एक्ट के मुताबिक, चुनाव के बाद  सदन की पहली बैठक होती है. तब मेयर के चुनाव की प्रकिया शुरू होती है. पहले मेयर पद के लिए नामांकन होता है और फिर पार्षद मतदान के जरिए मेयर चुनते हैं. दिल्ली में पार्षदों का कार्यकाल 5 साल के लिए होता है, लेकिन मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है. हर साल नया मेयर बनता है. इसमें पहले साल महिला सीट आरक्षित है. 

पहले साल महिला ही मेयर
 दिल्ली एमसीडी नियम के अनुसार, पहले साल महिला मेयर होता है. पहले साल के लिए मेयर का पद महिला पार्षद के लिए आरक्षित है. और तीसरे साल अनुसूचित जाति का उम्मीदवार मेयर बनता. बाकी बचे 3 सालों के लिए मेयर का पद अनारक्षित है. इसपर कोई भी पार्षद मेयर का चुनाव लड़ सकता है.