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Uttarakhand: पुलिस स्मृति दिवस पर शामिल हुए सीएम धामी, शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित

Uttarakhand: पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने शहीद सैनिकों के परिवारजनों को सम्मानित किया.

Updated on: 21 Oct 2023, 08:57 PM

नई दिल्ली:

Uttarakhand: पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर देहरादून में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर राज्य के शहीद पुलिस जवानों के परिजनों को सम्मानित किया गया. ये कार्यक्रम देहरादून पुलिस लाईन में आयोजिक किया गया था. इस मौके पर राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने शहीद स्मारक पर पुलिस और अर्ध सैन्य बलों को पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी एवं पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

सीएम ने चार घोषणाएं की

पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने शहीद सैनिकों के परिवारजनों को सम्मानित किया. इसके साथ सीएम धामी ने चार घोषणाएं की. इसके तहत उत्तराखंड पुलिस के जवान ड्यूटी के दौरान मृत्यु को प्राप्त होते हैं तो तत्काल रूप से 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद के लिए शहीद कल्याण कोष में 2 करोड़ रुपए का फंड तैयार किया जाएगा. नॉन गजटेड पुलिस कर्मचारियों का निःशुल्क सलाना हेल्थ चेकअप कराया जायेगा. सीएम ने कहा कि इसके साथ ही पुलिसकर्मियों को आवास के लिए 100 करोड़ का फंड बनाया जाएगा. अनुकंपा पर होने वाले भर्तियों में हो रही समस्यों को दूर किया जाएगा 

सीएम ने पुलिस के काम को सराहा 

इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्यों के पुलिस बल व अर्द्धसैनिक बलों का होता है. इस दौरान वो अपनी जान भी न्योछावर कर देते हैं. पुलिस व्यवस्था किसी भी राज्य की सुरक्षा एवं समृद्धि का एक अभिन्न अंग है. इस दौरान उन्होंने पुलिस के कामों की सराहना करते हुए कहा कि कावंड़ यात्रा में 4 करोड़ से अधिक और चारधाम यात्रा में अब तक 50 लाख श्रद्धालुओं के लिए सराहनीय काम किए हैं. इसके साथ ही राज्य में जी-20 सम्मेलन की तीन बैठकों में उत्तम सुरक्षा व्यवस्था को उत्तराखण्ड पुलिस ने अच्छे तरीके से किया.

सीएम धामी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है 2025 तक राज्य को नशामुक्त बनाना. वहीं राज्य में भू-माफिया और नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून लाए हैं. राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर थाने में महिला हेल्प डेस्क बनाया गया है. महिला सुरक्षा के लिए एक एप का निर्माण किया गया है. इसके तहत 1 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं.

क्यों मनाया जाता है - पुलिस स्मृति दिवस ?

21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉटस्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने एस. आई. करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी. इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष पूरे देश में 21 अक्टूबर को “पुलिस स्मृति दिवस” के रूप में मनाया जाता है.