logo-image

आजम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी, छिनेगा रामपुर का शोध संस्थान

सपा महासचिव और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आजम खां की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. प्रदेश सरकार रामपुर के मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान को आजम खां से छीनेगी. इसके लिए प्रदेश सरकार को एसआईटी रिपोर्ट का इंतजार है.

Updated on: 23 Oct 2019, 10:58 AM

highlights

  • उर्दू, अरबी और फारसी विषयों में उच्च शिक्षा की व्यवस्था और शोध कार्य के लिए बनाया गया था संस्थान
  • आजम खां ने सपा सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहते किया था नियमों में बदलाव
  • एसआईटी रिपोर्ट की मिलने के बाद सरकार आजम खां के खिलाफ करेगी कार्रवाई, संस्थान भी लेगी वापस

रामपुर:

सपा महासचिव और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आजम खां की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. प्रदेश सरकार रामपुर के मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान को आजम खां से छीनेगी. इसके लिए प्रदेश सरकार को एसआईटी रिपोर्ट का इंतजार है. आजम खां ने मंत्री रहते हुए नियमों में मनमाने तरीके बदलाव कर इसे हासिल किया, बाद में इसमें अपना पब्लिक स्कूल संचालित करने लगे. अब सरकार इस पर कार्रवाई का मन बना रही है.
सपा सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहते हुए आजम खां ने रामपुर के इस शोध संस्थान को लेने के लिए संस्थान के उद्देश्य ही बदलवा दिए थे. इस शोध संस्थान को उर्दू, अरबी और फारसी विषयों में उच्च शिक्षा की व्यवस्था और शोध कार्य के लिए बनाया गया था लेकिन आजम खां ने बड़ी चालाकी से उच्च शिक्षा के स्थान पर सभी विषयों में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा जुड़वा दिया. इसके बाद आजम ने इस सरकारी शोध संस्थान के भवन में रामपुर पब्लिक स्कूल खोल दिया. इस स्कूल के संचालन आजम खां द्वारा किया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.

यह भी पढ़ेंः गुजरात के लिए रवाना हुई यूपी पुलिस की टीम, कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारों को लाएगी लखनऊ

मंत्री रहते बदलवाए थे नियम
आजम खां ने यह सब अपने ही विभाग अल्पसंख्यक कल्याण में मंत्री रहने के दौरान किया था. आजम ने इस संस्थान को मात्र 100 रुपये वार्षिक की दर से 33 साल के लिए लीज पर लिया है. खास बात है कि यह लीज 33-33 साल के लिए दो बार बढ़ाई भी जा सकती है. सपा सरकार में हुए फैसले को बड़े ही गुपचुप तरीके से कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से प्रस्ताव पास कराकर लिया था. इस स्कूल का संचालन भी वहीं ट्रस्ट कर रहा है जिसमें आजम खां खुद आजीवन अध्यक्ष, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा सचिव व बड़े बेटे मो. अदीब आजम खां सदस्य हैं. इसी ट्रस्ट द्वारा मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय संचालित किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः मंदिर प्रबंधन का मामला: न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया 

एसआईटी को मिले कई सबूत
प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद इस मामले की जांच की गई. जांच के लिए योगी सरकार ने एसआईटी का गठन किया. एसआईटी की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कई गड़बड़ियां और पद के दुरूपयोग के सबूत मिले हैं. सरकार फिलहाल एसआईटी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. एसआईटी रिपोर्ट के बाद सरकार आजम खां के खिलाफ कार्रवाई कर शोध संस्थान वापस लेगी.