तीन तलाक पर अंकुश लगाने का 'निकाहनामा' कारगर हथियार
एक झटके में तीन तलाक कहने पर भले ही कोर्ट ने रोक लगा दी हो. फिर भी इसके मामले कम नहीं हो रहे हैं. इसे देखते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने निकाहनामा से शादी करने की शुरूआत कर दी है.
लखनऊ:
एक झटके में तीन तलाक (Triple Talaq) कहने पर भले ही कोर्ट ने रोक लगा दी हो. फिर भी इसके मामले कम नहीं हो रहे हैं. इसे देखते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Women Personal Law Board) ने निकाहनामा (nikahnama) से शादी करने की शुरूआत कर दी है. मुस्लिम समाज में तीन तलाक और दहेज की कुरीति को खत्म करने के लिए यह निकाहनामा कारगर हथियार बन रहा है. ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में बताया कि, "मुस्लिम महिलाओं को धोखे से बचने के लिए शरई निकाहनामा तैयार किया है. इसको पूरे देश में लागू कराने के लिए हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर गुजारिश भी कर चुके हैं. निकाहनामे की विशेषताओं को जानने के बाद प्रधानमंत्री इससे काफी प्रभावित हुए थे."
और पढ़ें: गुपचुप तरीके से मुख्तार के करीबियों से मिले पंजाब के मंत्री
उन्होंने बताया कि, "निकाहनामे का मूल तत्व है दोनों पक्षों को बराबर का हक मिले. वर और वधु पक्ष का फोटो सहित पूरा पता इस निकाहनामे में दर्ज किया जाएगा. वर वधु का आधार कार्ड निकाहनामे से जोड़ा जाएगा, जिससे आधुनिक विवाह की आड़ में किए जाने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी. निकाहनामा हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में है."
शाइस्ता अंबर कहती हैं कि, "इस निकाहनामें को अमल कराने के लिए बीवी और शौहर दोनों की काउंसिलिंग करनी पड़ती है. तीन तलाक पर सुप्रीमकोर्ट के निर्णय में इस निकाहनामा की सलाह को शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि इस निकाहनामा की जरूरत फर्जी शादी करके लोग विदेश भाग जाते हैं. ऐसे में अगर निकाहनामा होगा. तो उसके पासपोर्ट को जब्त करने का प्रावधान है. इसे आधारकार्ड से जोड़ा गया है. निकाह करने वालों का सबूत काजी के पास होगा. शौहर के पास भी होगा. सभी की फोटो होगी. इसका एक पंजीकरण मैरिज ब्यूरों में भी होता है. इसमें तीन से चार कॉपी होती है. दुल्हा-दुल्हन और काजी के पास होती है."
शाइस्ता कहती हैं, "लड़की अपनी शतरें पर निकाह कर सकती है. निकाहनामा लगाने के लिए पासपोर्ट, आधार, वोटर आईडी या केन्द्र सरकार द्वारा जारी कोई आईडी प्रूफ होना चाहिए. यह निकाहनामा पूरी तरह भारतीय संविधान और इस्लाम के अनरूप बनाया गया है. इस पर अमल कराने के लिए शौहर और बीवी की काउंसिलिंग करनी पड़ती है."
Don't Miss
वीडियो
-
USA का SM-3 इंटरसेप्टर कितना खतरनाक ? ईरानी बैलिस्टिक मिसाइक को किया था पहले हमले में राख
-
ईस्ट मेदिनीपुर में भिड़े BJP-TMC कार्यकर्ता, बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय के नॉमिनेशन में बवाल
-
Election Superfast: लोकसभा चुनाव से जुड़ी हर खबर देखें वो भी फटाफट अंदाज में इलेक्शन सुपरफास्ट के इस बुलेटिन में
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग