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आजमगढ़ उपचुनाव पर बोलीं मायावती, BJP और SP एक ही थाली के चट्टे-बट्टे

आजमगढ़ के उपचुनाव पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा और सपा पर जमकर निशाना साधा. उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 23 जून को मतदान होगा.

Updated on: 19 Jun 2022, 04:56 PM

नई दिल्ली:

आजमगढ़ के उपचुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो ने रविवार को एक प्रेसवार्ता में भाजपा और सपा पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान बसपा सप्रीमो ने कहा कि दोनों ही पार्टियां एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि यह उप-चुनाव है, लेकिन लोगों के लिए, यह महत्वपूर्ण है क्योंकि वे #अग्निपथ जैसी जनविरोधी योजनाओं और बुलडोजर का उपयोग करने के अपने तौर-तरीकों के लिए भाजपा को सबक सिखा सकते हैं. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 23 जून को मतदान होगा. ये पूर्व सीएम अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद से खाली थी. उन्होंने मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से जीत के बाद यहां से इस्तीफा दे दिया था और दिल्ली की बजाय लखनऊ में प्रदेश की सियासत में सक्रिय रहने का निर्णय लिया था. 

अब अखिलेश यादव ने इस सीट से अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को यहां से उतारा है तो वहीं भाजपा ने एक बार फिर से दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को मौका दिया है. मगर मुकाबले में तीसरी और सबसे अहम प्लेयर बसपा है, जिसने पूर्व विधायक उर्फ गुड्डू जमाली को मौका दिया है. ऐसा कहा जा रहा है कि मुकाबला भले ही सपा और भाजपा के बीच दिख रहा है, लेकिन निर्णायक तो बसपा का ही उम्मीदवार होगा.

क्यों सपा के लिए अहम है आजमगढ़ की सीट

आजमगढ़ को सपा अपने गढ़ की तरह देखती है. 2019 में समाजवादी पार्टी को जब महज पांच  5 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी, तब अखिलेश यादव यहां से चुनकर आए थे. इससे पहले 2014 में मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी. दोनों चुनाव भाजपा की लहर में लड़े गए थे और सपा की जीत बताती है कि यहां पर भाजपा कम असर डाल पाई है. मगर इस बार बसपा के कैंपेन के कारण भाजपा अपने लिए फायदा देख रही है. मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा जिले की सभी 5 सीटों गोपालपुर, सगरी, मुबारकपुर, आजमगढ़ सदर और मेहनगर में हार गई थी.