जेटली का सपना था, 'सौर ऊर्जा से रोशन हो लखनऊ'
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री व राज्यसभा सांसद अरुण जेटली दिवाली से पहले रायबरेली को सौर ऊर्जा से चलने वाली हाई-मास्ट लाइटों से रोशन करना चाहते थे.
highlights
- स्पाइस पार्क परियोजना में लाना चाहते थे तेजी
- रायबरेली में बनाना चाहते थे एक स्टेडियम
- रायबरेली में सौर ऊर्जा लगवाने के लिए भेजा था प्रस्ताव
लखनऊ:
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री व राज्यसभा सांसद अरुण जेटली दिवाली से पहले रायबरेली को सौर ऊर्जा से चलने वाली हाई-मास्ट लाइटों से रोशन करना चाहते थे. जेटली ने अस्पताल में भर्ती होने से करीब एक हफ्ते पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के जिला प्रशासन को अपने एमपीलैड फंड से 200 सौर ऊर्जा से चलने वाली हाई-मास्ट लाइटें लगाने का प्रस्ताव भेजा था.
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एमपीलैड के अंतर्गत सांसद जिलाधिकारी को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सालाना 5 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं शुरू करने का सुझाव दे सकते हैं. पिछले साल अक्टूबर में जब जेटली ने रायबरेली में एमपीलैड फंड खर्च करने के इरादे की घोषणा की, तो इसे लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के गढ़ को तोड़ने की कोशिश के रूप में उठाए गए कदम के रूप में देखा गया था.
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जिले का प्रतिनिधित्व एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार के द्वारा होता आया है, इसके बावजूद भी यहां पिछड़ापन है. इसी बात ने उन्हें रायबरेली को चुनने के लिए प्रेरित किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हीरो वाजपेयी ने कहा, "उन्होंने अपने निधन से कुछ दिन पहले 17 अगस्त को रायबरेली जिला प्रशासन को सिफारिश सौंपी थीं."
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जेटली द्वारा लिखे गए पत्र पर दिनांक 30 जुलाई की है. इसके कुछ दिन बाद ही वह अस्पताल में भर्ती हो गए थे. रायबरेली की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने पुष्टि की कि उन्हें सिफारिश मिली है. उन्होंने कहा, "परियोजना का क्रियान्वयन जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के साथ मिलकर किया जाएगा. जिन क्षेत्रों में हाई-मास्ट लाइटें लगाई जानी है उनकी पहचान पहले ही की जा चुकी है. हम परियोजना में तेजी लाएंगे. दिवाली से पहले रायबरेली को रोशन करना उनकी इच्छा थी."
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जेटली ने स्पाइस पार्क परियोजना में तेजी लाने की मांग की और वह रायबरेली में एक स्टेडियम का निर्माण करना चाहते थे. स्पाइस पार्क परियोजना कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) शासन के दौरान शुरू की गई थी.
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