हाईकोर्ट ने कफील खान की याचिका पर यूपी सरकार से मांगा जवाब
सीजेएम ने 28 जुलाई, 2020 को आरोप पत्र का संज्ञान लिया. वर्तमान याचिका में आरोप पत्र और संज्ञान आदेश दोनों को चुनौती दी गई है.
highlights
- कफील खान की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
- सीएए पर भड़काऊ भाषण देने का है कफील खान पर आरोप
- 2017 के ऑक्सीजन कांड से घिरे हुए हैं विवादों में
प्रयागराज:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार के वकील को निर्देश दिया है कि वह बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान (Kafeel Khan) द्वारा दायर एक याचिका के संबंध में संबंधित अधिकारियों से निर्देश मांगे. कफील ने याचिका में दिसंबर 2019 में नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ वरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में भड़काऊ भाषण देने के मामले में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले और आरोपपत्र को खारिज करने का अनुरोध किया है. न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर ने 6 अप्रैल के लिए अगली सुनवाई तय की है.
इन धाराओं पर है मामला दर्ज
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 (उच्च न्यायालय की अंतर्निहित शक्तियों को बचाने) के तहत दायर याचिका में, खान ने अलीगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी है कि कथित अपराधों के लिए चार्जशीट 153 -ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, और सद्भाव को बनाने को लेकर पक्षपातचपूर्वक कार्य करना), 153-बी (राष्ट्रीय एकता के लिए पूर्वाग्रह, अभिकथन) 505 (2) (वर्गों के बीच दुश्मनी, घृणा को बढ़ावा देने वाले बयान) का संज्ञान लिया जाए.
यह भी पढ़ेंः भारत कोरोना वैक्सीन के निर्यात को नहीं देगा विस्तार, घरेलू मांग पहले
सीएए पर दिया था भाषण
दिसंबर 2019 में, खान ने एएमयू में एक रैली को संबोधित किया था जो नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के विरोध में आयोजित किया गया था. इस संबंध में अलीगढ़ पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. बाद में पुलिस ने मामले की जांच की और उसके खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया. सीजेएम ने 28 जुलाई, 2020 को आरोप पत्र का संज्ञान लिया. वर्तमान याचिका में आरोप पत्र और संज्ञान आदेश दोनों को चुनौती दी गई है.
कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं
याचिका में खान के वकील ने यह दलील दी है कि पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर और आरोप पत्र दाखिल करते समय उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है. 13 फरवरी 2020 को खान पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एएमयू में भड़काऊ भाषण दिया था. 1 सितंबर, 2020 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खान पर से रासुका (एनएसए) हटाकर उन्हें तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था.
यह भी पढ़ेंः भूमि विवाद खत्म करने ग्रामीण संपत्ति का नक्शा बनाएंगे 500 से ज्यादा ड्रोन
ऑक्सीजन त्रासदी से घिरे विवादों में
खान ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2017 ऑक्सीजन त्रासदी के बाद सुर्खियां बटोरीं, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण कई बच्चों की कथित तौर पर मौत हो गई थी. जहां शुरू में उन्हें आपातकालीन ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था के लिए बच्चों के तारणहार के रूप में सराहा गया था, वहीं बाद में इस मामले के नौ आरोपियों में से एक के रूप में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Vindu Dara Singh Birthday: मुस्लिम लड़की से शादी करके पछताए विंदू दारा सिंह, विवादों में रही पर्सनल लाइफ
-
Heeramandi: सपने में आकर डराते थे भंसाली, हीरामंडी के उस्ताद इंद्रेश मलिक ने क्यों कही ये बात
-
Sonali Bendre On South Cinema: बहुत मुश्किल है साउथ फिल्मों में काम करना, सोनाली बेंद्रे ने क्यों कही ये बात?
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!