आगरा: SN मेडिकल कॉलेज का गेट बंद, मरीज-तीमारदारों को हो रही परेशानी
मरीज के तीमारदार रोजमर्रा का सामान जैसे दूध, फल, जूस, दवाई, अक्सर अस्पताल के बाहर से ही लाकर मरीज तक पहुंचाते हैं, जिसके लिए वो एसएन मेडिकल कॉलेज के दूसरे गेट जो कि फौव्वारा बाजार की तरफ खुलता है उसका इस्तमाल सालों से करते आये हैं...
highlights
- आगरा के सबसे मशहूर अस्पताल का गेट बंद
- गेट बंद होने से मरीज-तीमारदार होते हैं परेशान
- मेडिकल कॉलेज को मिल चुका है नोटिस
आगरा:
आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज के 164 साल पहले बने गेट को अब बन्द कर दिया गया है, जिससे मरीजों को बड़ी परेशानी सामने आ रही है, आलम ये है कि मरीजों के तीमारदार जरूरी सामानों के लिए लोहे के नुकीले गेट को लांघते नजर आ रहे हैं. आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज लगभग 165 साल पुराना है. जो पिछले कई वर्षों से आगरा की पहचान बना हुआ है. यहां आगरा सहित आसपास के राज्यों और जनपदों के सैकड़ों हजारों मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. जो मरीज यहां भर्ती होता है, वो करीब लगभग 10 से 15 दिन तक यहां भर्ती रहकर इलाज कराता है. इस दौरान मरीज के तीमारदार रोजमर्रा का सामान जैसे दूध, फल, जूस, दवाई, अक्सर अस्पताल के बाहर से ही लाकर मरीज तक पहुंचाते हैं, जिसके लिए वो एसएन मेडिकल कॉलेज के दूसरे गेट जो कि फौव्वारा बाजार की तरफ खुलता है उसका इस्तमाल सालों से करते आये हैं. लेकिन हाल ही में एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस गेट को किन्ही कारणों से बन्द कर दिया और ताला डाल दिया, जिसके चलते मरीज और उनके तीमारदार परेशान हैं.
हर कोई गेट लांघ कर ही करता है पार
आलम ये है कि वो अभी इसी गेट का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं. मगर गलत तरीके से. जी हां, हमारी तस्वीरों में आप देख सकते है. किस तरह यहां चाहे महिला हो या पुरुष, हर कोई गेट को फलांगते नजर आ रहा है. कुछ तो जरा सी जाली के गैप में ही आपको जबरजस्ती घुसते नजर आ जायेंगे. जब हमारी टीम ने इनसे बात की और पूछा तो इन तीमारदारों का कहना था कि क्या करें मजबूर हैं. अगर एसएन के मुख्य गेट का इस्तेमाल करते है, तो हमें दो से तीन किलोमीटर का रास्ता तय करना होता है. जिसमें काफी समय लगता है और मरीज को भी परेशानी होती है.
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मेडिकल कॉलेज ने रखी अपनी बात
इस पूरे मामले पर जब हमने एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन से बात की तो उनका कहना था कि कॉलेज परिसर में कई संदिग्ध गतिविधियां होने लगी थी. फौव्वारा बाजार जाने वाले लोग भी कॉलेज के भीतर गाड़ी पार्क कर घूमने चले जाते थे. जिससे कई बार एम्बुलेंस तक फंस गई. कुछ कूड़ा बीनने वाले भी अंदर आकर कूड़ा घर से, कूड़ा बाहर सड़क पर बिखरने लगे थे. जिस कारण कॉलेज को प्रदूषण विभाग से नोटिस भी मिल चुका है. यही नहीं, लगातार पिछले कुछ समय से परिसर में तमाम चोरियों में इजाफा हो गया था. यही कारण है, जिनकी वजह से गेट बंद करने का निर्णय लेना पड़ा. अस्पताल प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बन्द गेट को लांघ कर आप अपनी जान जोखिम में न डालें, इसके लिए एसएम प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा.
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