अब जानलेवा 'ब्लैक फंगस' ने दी उत्तर प्रदेश में दस्तक, इन राज्यों में भी पैर फैला चुका है रोग
महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात के बाद अब इस बीमारी ने उत्तर प्रदेश में दस्तक दे दी है. लखनऊ के 8 कोविड पेशेंट में म्युकरमाइकोसिस नाम का जानलेवा फंगस पाया गया है.
highlights
- कोरोना के बीच नई बीमारी 'ब्लैक फंगस'
- अब 'ब्लैक फंगस' ने दी UP में दस्तक
- गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र में भी फैला रोग
नई दिल्ली/लखनऊ:
कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में एक नया जानलेवा रोग कहर बरपा रहा है. लोगों की जान का दुश्मन बन रही ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानी म्युकरमाइकोसिस की बीमारी देश में लगातार पैर फैला रही है. महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात के बाद अब इस बीमारी ने उत्तर प्रदेश में दस्तक दे दी है. लखनऊ के 8 कोविड पेशेंट में म्युकरमाइकोसिस नाम का जानलेवा फंगस पाया गया है. लखनऊ के लोहिया संस्थान में 4, लोकबंधु अस्पताल का एक मरीज औक केजीएमयू के तीन मरीज घातक फंगस की चपेट में आए हैं, जो अब जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं.
यूपी के इन जिलों में मिले मरीज
लखनऊ के अलावा वाराणसी और मेरठ में भी ब्लैक फंगस के मामलों की बात कही जा रही है. वाराणसी में ब्लैक फंगस या म्युकरमाइकोसिस से पीड़ित एक महिला मरीज मिली. ब्लैक फंगस की पहली शिकार महिला कोविड संक्रमित थीं. कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के दो दिन पहले तनिमा मित्रा की एक आंख लाल होने लगी. जबकि मेरठ में ब्लैक फंगस से पीड़ित दो कोविड मरीज मिले. ये मरीज मुजफ्फरनगर और बिजनौर जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं.
इन राज्यों में फैल चुका है ब्लैग फंगस
उत्तर प्रदेश से पहले महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात में भी ब्लैक फंगस के मामले देखने को मिले. शुक्रवार को मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली में म्युकरमाइकोसिस के छह केस आ चुके हैं. जबकि गुजरात में ब्लैक फंगस के 40 मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में ब्लैक फंगस देखा गया, सूरत में ब्लैक फंगस की वजह से 8 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई. हाल ही में मुंबई में भी 29 वर्षीय शख्स में म्युकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) का संक्रमण देखा गया. यह शख्स कोरोना से ठीक हो चुका था.
क्या है ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) रोग
अब तक कोरोना संक्रमित मरीज या कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों में ब्लैक फंगस इंफेक्शन देखा गया है. यह इंफेक्शन आमतौर पर उन लोगों में पाया गया है, जिनका शरीर किसी बीमारी से लड़ने में कमजोर होता है. सुगर पेशेंट में ये फंगस ज्यादा फैलता है. आंख, नाक के रास्ते ये फंगस दिमाग तक पहुंचता है और इस दौरान रास्ते में आने वाली हड्डी और त्वचा को नष्ट कर देता है और इसमें मृत्यु दर काफी ज्यादा है. लखनऊ के सीवीओ हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टर एमबी सिंह इस फंगस को घातक तो मानते हैं, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं मानते हैं. डॉक्टर का कहना है कि जो पेशेंट बहुत ज्यादा दिन तक ऑक्सीजन और वेन्टीलेटर्स के स्पोर्ट पर रहते हैं और जिनका सुगर अनकंट्रोल है, उनमें से भी किसी किसी को ही ये फंगस अपना शिकार बना रहा है.
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