मेट्रोमैन ई. श्रीधरन BJP की ओर से बने केरल के CM कैंडिडेट, इस फैसले का किया था विरोध
दिल्ली के मेट्रोमैन के नाम से जाने जाने वाले ई. श्रीधरन को भारतीय जनता पार्टी ने केरल विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी से मख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया है. आपको बता दें कि इसके पहले पिछले महीने में वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे.
नई दिल्ली:
दिल्ली के मेट्रोमैन के नाम से जाने जाने वाले ई. श्रीधरन को भारतीय जनता पार्टी ने केरल विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी से मख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया है. आपको बता दें कि इसके पहले पिछले महीने में वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. 21 फरवरी को केरल बीजेपी प्रमुख सुरेंद्रन की मौजूदगी में मेट्रो मैन ई. श्रीधरन ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी. आपको बता दें कि दिल्ली से लेकर कोच्चि तक मेट्रो सेवा को देश से जोड़ने में श्रीधरन का अहम योगदान है. मेट्रो जैसे परिवहन की व्यवस्था में अहम योगदान के चलते श्रीधरन को पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.
आपको बता दें कि मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने अरविंद केजरीवाल सरकार के उस फैसले का विरोध किया था जिसमें सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा की योजना शुरू करने का प्रस्ताव दिया था. ई. श्रीधरन ने दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव पर असहमति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने पीएम मोदी को 10 जून को पीएम मोदी को इस बात को लेकर पत्र लिखा था कि वो दिल्ली की केजरीवाल सरकार के इस प्रस्ताव पर सहमति न दें.
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पीएम मोदी को लिखा था पत्र
मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने कहा था कि दिल्ली मेट्रो जब से शुरू हुई थी तब यह निर्णय लिया गया था कि किसी को भी यात्रा के लिए मेट्रो में रियायत नहीं दी जाएगी. दिल्ली मेट्रो केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार का जॉइंट वेंचर है. कोई एक हिस्सेदार समाज के किसी एक हिस्से को रियायत देने का एकतरफा निर्णय नहीं ले सकता है. मेट्रोमैन ने पीएम मोदी को भेजे गए पत्र में लिखा था कि मेट्रो का अपना स्टाफ यहां तक कि मैनेजिंग डायरेक्टर भी जब यात्रा करते हैं तो टिकट खरीदते हैं.
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यह योजना दूसरे प्रांतों को भी नुकसान पहुंचाएगी
उन्होंने कहा था कि इस योजना को लागू करने में 1000 करोड़ रुपये सालाना का खर्चा आएगा और हर साल यह बढ़ता ही जाएगा, क्योंकि मेट्रो बढ़ेगी और किराए बढ़ेंगे. समाज के एक हिस्से को रियायत दी जाएगी तो बाद में दूसरे इससे भी रियायत देने की मांग करेंगे जैसे कि छात्र, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक आदि. जो कि इस रियायत के ज़्यादा हकदार हैं. यह बीमारी देश की दूसरी मेट्रो में भी फैलती जाएगी. इस कदम से दिल्ली मेट्रो अक्षम और कंगाल हो जाएगी. अगर दिल्ली सरकार महिला यात्रियों की मदद करना ही चाहती है तो उनके खातों में सीधा पैसा डाल दे.
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