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राजस्थान में शुरू हुई निकाय चुनाव की गूंज, क्या बीजेपी के वोटबैंक में सेंध लगा पाएगी कांग्रेस

बीजेपी के वोटबैंक में सेंध लगाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगा. लिहाजा कांग्रेस ने अभी से निकाय चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी है

Updated on: 29 Aug 2019, 01:42 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान के सियासी रण में अब निकाय चुनाव की गूंज शुरु हो गई है. राजस्थान में नवंबर में पहले चरण में करीब 52 जगह महापौर,चेयरमैन,अध्यक्ष और पार्षदों को चुनाव होंगे. इसमें 6 जगह महापौर के अहम चुनाव भी शामिल हैं. शहरी वोटबैंक बीजेपी का परम्परागत वोटबैंक माना जाता है. बीजेपी के वोटबैंक में सेंध लगाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगा. लिहाजा कांग्रेस ने अभी से निकाय चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिन पायलट ने अहम बैठक बुलाई जिसमें मंत्री,विधायक और मौजूदा निकाय जनप्रतिनिधि शामिल हुए. इस बैठक में सचिन पायलट ने मजबूती से चुनाव लड़ने के निर्देश दिए.

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हालांकि अभी निकाय चुनाव के लिए लॉटरी नहीं निकाली गई है, लिहाजा बैठक में टिकट वितरण को लेकर ज्यादा माथापच्ची नहीं कि गई. हालांकि पायलट ने संकेत
दिए कि टिकट मेहनती और युवाओं को ही दिए जाएंगे. वहीं बैठक में सबसे खास बात रही है कि अनुच्छेद 370 का मुद्दा ही गूंजता रहा.कांग्रेस नेताओं ने साफ कहा कि इससे पूरा माहौल बीजेपी के पक्ष में बना हुआ है. लोगों को अपनी समस्याओं की कोई चिंता नहीं बल्कि राष्ट्रवाद की लहर में डुबकी लगा रहे हैं.पदाधिकारियों ने बैठक में कहा कि कांग्रेस के इस मुद्दे पर लिए गए स्टैंड से नकारात्मक संदेश लोगों में गया है.

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बीजेपी इस बार अनुच्छेद 370 को समाप्त करने औऱ राष्ट्रवाद के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ेगी, क्योंकि इसकी बदौलत ही बीजेपी ने लोकसभा में क्लीन स्वीप किया था.छात्रसंघ चुनाव में भी बीजेपी के एबीवीपी संगठन ने इसके चलते बाजी मारी है. ऐसे में कांग्रेस को निकाय चुनाव में भी राष्ट्रवाद की लहर से निपटना होगा.