त्रिपुरा: BJP ने क्यों बिप्लब देब को हटाकर डॉ.माणिक साहा को बनाया नया सीएम? जानें ये हैं वजह
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले सीएम बदलने की घटना ने सभी को चौंका दिया है. भारतीय जनता पार्टी हाईकमान ने यहां पर बड़ा फेरबदल किया है. भाजपा ने बिप्लब देब को हटाकर डॉ.माणिक साहा को नया सीएम नियुक्त किया है.
नई दिल्ली:
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले सीएम बदलने की घटना ने सभी को चौंका दिया है. भारतीय जनता पार्टी हाईकमान ने यहां पर बड़ा फेरबदल किया है. भाजपा ने बिप्लब देब (Biplab Deb) को हटाकर डॉ.माणिक साहा ( Manik Saha) को नया सीएम नियुक्त किया है. साहा को भाजपा विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया है. इस सारे घटनाक्रम की पटकथा एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से बिप्लब देव की मुलाकात के बाद लिखी गई. मात्र 24 घंटे के अंदर ही नया सीएम चेहरा सामने आ गया. डॉ.माणिक साहा त्रिपुरा के अगले सीएम बनने जा रहे हैं. डॉ.माणिक साहा 6 वर्ष पहले की कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. वे इतनी जल्दी प्रभावशाली बनकर उभरेंगे, इसका अंदाजा कोई राजनीतिक पंडित नहीं लगा सकता है. भाजपा में आते ही माणिक को दो वर्ष बाद प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे. हाल ही में राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किए गए और अब नए सीएम के लिए चुना गया है.
2020 से संभाला संगठन
2018 में त्रिपुरा में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीता और बिप्लब देब को सीएम पद पर बैठाया. तब प्रदेश अध्यक्ष की कमान बिप्लब देब के हाथ में थी. उसके बाद 2020 में पार्टी हाईकमान ने माणिक साहा को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. माणिक ने संगठन की बागडोर को संभालते ही बूथ स्तर तक मजबूती प्रदान की. यही वजह है कि त्रिपुरा में भाजपा की संगठनात्मक क्षमता काफी बढ़ी है.
माणिक किसी भी खेमे के नहीं
माणिक साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. भाजपा सूत्रों के अनुसार माणिक किसी भी खेमे के नहीं हैं और पार्टी में उन्हें न्यूट्रल माना जाता है. बीते दिनों हुए चुनाव में भाजपा की त्रिपुरा में जीत के पीछे माणिक की भूमिका अहम रही. वहीं बिप्लब देब के खिलाफ पार्टी में असंतोष व्याप्त था. भाजपा ऐसी छवि के साथ चुनाव में नहीं जाना चाहती थी.
हाल ही में राज्यसभा सदस्य बनाए गए
जब भाजपा हाईकमान ने नए सीएम के लिए बिप्लब देब से नाम सुझाने को कहा तो उन्होंने प्राथमिकता के तौर पर माणिक साहा का नाम दिया था. हाल ही में भाजपा ने डॉ.माणिक साहा को राज्यसभा सांसद भी बनाया है. इसके बाद से ही पार्टी संगठन में माणिक साहा का योगदान अहम होने लगा.
बिप्लब देब ने क्या कहा
बिप्लब देब ने शनिवार को राज्यपाल के पास जाकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया. उन्होंने ये साफ कर दिया कि आलाकमान के कहने पर ही ये फैसला किया है. बिप्लब देब ने कहा कि पार्टी उनके लिए सबसे ऊपर है और जो भी जिम्मेदारी पार्टी की तरफ से उन्हें मिलेगी, वो उसे निभाएंगे.
बिप्लब देब को लेकर संगठन में थी नाराजगी
बिप्लब देब को लेकर संगठन में नाराजगी बढ़ रही थी. इसके लेकर दो विधायकों ने पार्टी को छोड़ दिया था. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा उनके खिलाफ लगातार दिल्ली में शिकायतें हो रही थीं. वहीं, भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति को लेकर कोई खतरा नहीं लेना चाहती थी.
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