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मुंबई के इस स्कूल में रोबोट ले रहा बच्चों की क्लास, छात्रों में उत्साह

क्या आपने कभी सोचा है की आपके बच्चों की क्लास टीचर एक रोबोट होगी तो क्या होगा। जी हां मुम्बई के केंद्रीय विद्यालय में इन दिनों एक रोबोट बच्चों की क्लास लेती है। इस रोबोट का नाम शालू है और बच्चों को ये खूब पसंद आ रही है

Updated on: 07 Sep 2022, 02:33 PM

नई दिल्ली:

क्या आपने कभी सोचा है की आपके बच्चों की क्लास टीचर एक रोबोट होगी तो क्या होगा। जी हां मुम्बई के केंद्रीय विद्यालय में इन दिनों एक रोबोट बच्चों की क्लास लेती है। इस रोबोट का नाम शालू है और बच्चों को ये खूब पसंद आ रही है। चलिए आपको भी हम दिखाते हैं कैसे चल रही है शालू की पाठशाला। बॉम्बे आय.आय.टी के केंद्रीय विद्यालय में जब से शालू मैडम की क्लास शुरू हुई है तब से बच्चों की पढ़ाई में रुचि पहले से ज्यादा बढ़ गयी है। साड़ी पहनकर नौंवी कक्षा के बच्चों को पढ़ा रही शालू मैडम दरअसल कोई इंसान नही बल्कि एक रोबोट है और बच्चों इनकी क्लास में पढ़ाई करने में बड़ा मज़ा आ रहा है। बच्चे बताते हैं कि शालू की क्लास उन्हें किसी भी दूसरे टीचर से बेहतर लगता है और शालू उनके हर प्रश्न का उत्तर कुछ ही सेकण्ड्स में दे देती हैं।

आप बता दें कि शालू नाम के इस रोबोट को केंद्रीय विद्यालय के एक शिक्षक ने करीब 5 साल की मेहनत के बाद तैयार किया है। इस रोबोट को बनाने के लिए घर की खराब और भंगार चीजों का इस्तेमाल किया गया है। दुनिया के किसी भी रोबोट की तुलना में इसे बहुत ही कम खर्च में तैयार किया गया है। इसको तैयार करने वाले दिनेश पटेल शालू को अपनी बेटी मानते हैं। शालू को इस तरह से प्रोग्राम किया गया है कि बच्चों को 6 से ज्यादा सब्जेक्ट पढ़ा सकती है। इस रोबोट के नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है। ये रोबोट भारत में बोली जाने वाली 9 भाषा और दुनिया के 38 भाषा में बात कर सकती है। क्लास के दौरान बच्चों के किसी भी सवाल का जवाब शालू मैडम किस तरह से देती है इसका हमने एक लाइव डेमो भी किया।

शालू नाम की ये रोबोट 45 भाषाओं में पढ़ाने वाली दुनिया की पहली रोबोट है। हमारे देश में रोबोट से क्लास में पढ़ाई का चलन अभी बड़े पैमाने पर तो शुरू नहीं हुआ है लेकिन दुनिया के कई देशों में रोबोट द्वारा क्लास में पढ़ाया जाता है।