सामना में UPA पर हमले पर भड़की कांग्रेस, कहा- बाहर की पार्टी न दे सलाह
पहले शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने सामना के एक लेख में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ सभी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के विस्तार की बात कही.
नई दिल्ली:
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) पर लिखे गए लेख से नाराज होकर कांग्रेस ने शिवसेना पर पलटवार किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शिवसेना को हिदायत देते हुए कहा कि, जो पार्टी यूपीए का हिस्सा नहीं, वो यूपीए के नेतृत्व के बारे में कांग्रेस को सलाह न दे. सोनिया गांधी जी का नेतृत्व यूपीए के लिए अभी भी सक्षम है.
आपको बता दें कि इसके पहले शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने सामना के एक लेख में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ सभी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के विस्तार की बात कही. उन्होंने कहा कि लेफ्ट-राइट सभी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए ताकि मोदी सरकार के तानाशाही रवैये को दुर्जेय विकल्प दी जा सके. इसके साथ ही उन्होंने यूपीए की कमान शरद पवार के हाथों में सौंपने की मांग भी की.
शिवसेना को चव्हाण की नसीहत
आपको बता दें कि कांग्रेस की ओर से ये बयान शनिवार को 'सामना' में छपे उस लेख के बाद आया है जिसमें यूपीए को NGO जैसा बताते हुए कहा गया कि किसान आंदोलन पर कांग्रेस और यूपीए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम रहे. इसके साथ ही सामना में एक और बात कही गई थी जिसमें इशारों-इशारों में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को यूपीए की कमान दिए जाने की बात भी कही थी. इस लेख के बाद कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने शिवसेना को हिदायत दी कि, जो पार्टी यूपीए का हिस्सा नहीं है उसे यूपीए के नेतृत्व के बारे में कांग्रेस को सलाह नहीं देनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि शरद पवार ने खुद स्पष्ट किया है कि वे यूपीए की कमान नहीं संभालेंगे.
'सामना' में राहुल पर टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल
आपको बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए उनके नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा था कि कांग्रेस को फिलहाल एक फुलटाइम अध्यक्ष की जरूरत है. साथ ही यूपीए में बड़ी गड़बड़ियां है और विपक्ष को एकजुट करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत है और ऐसा चेहरा यूपीए में सिर्फ शरद पवार का ही नजर आता है. वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सोनिया गांधी ने प्रभावी तरीके से इन सालों में संयुक्त विकासशील मोर्चा (UPA) का नेतृत्व किया. अब वक्त आ गया है कि यूपीए में और भी अलायंस को जोड़ा जाए.
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