बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, कमला मिल्स अग्निकांड ने समाज की रूह को हिला दिया
कमला मिल पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इस घटना ने रूह को हिला कर रखा दिया है। साथ ही इस दुर्घटना के लिये पूरी तरह से प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
नई दिल्ली:
कमला मिल पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इस घटना ने रूह को हिला कर रखा दिया है। साथ ही इस दुर्घटना के लिये पूरी तरह से प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
दिसंबर में कमला मिल कंपाउंड स्थित रेस्त्रां में आग लगने से 14 लोगों की मौत हो गई थी।
कोर्ट ने कहा है कि प्रशासन ने फायर सेफ्टी के नियमों की अनदेखी की है और इस घटना के बाद उन्हें खुद को चुस्त-दुरुस्त करना चाहिये।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये टिप्पणियां की। याचिका में इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की गई है। साथ ही सरकार और बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को निर्देश देने की भी मांग की गई कि वो सभी रेस्त्रां की फायर ऑडिट करे।
आरएम बोर्डे और आरजी केतकर की बेंच ने कहा, 'इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने हमारी रूह को कंपा दिया है। ये समय है कि बीएमसी खुद को बेहतर बनाएगा।'
बीएमसी के वकील अनिल सखारे ने कहा कि राज्य सरकार ने बीएमसी से इस संबंध में एक रिपोर्ट मांगी है। जिसे इस सप्ताह के अंत तक सौंप दिया जाएगा।
और पढ़ें: पाक तालिबान ने पूर्व पीएम बेनेजीर भुट्टो की हत्या की ली जिम्मेदारी
कोर्ट ने इस मामले की सुनाई 12 फरवरी के लिये तय की है। साथ ही कहा है कि उस रिपोर्ट की कॉपी भी कोर्ट में जमा कराई जाए।
कोर्ट ने कहा कि उम्मीद है कि कॉरपोरेशन अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करेगा।
कोर्ट ने कहा, 'आग की घटना प्रशासन की विफलता का परिणाम है। वो बारस पब, रेस्त्रां और खाने की जगहों में कड़े नियमों को लागू कराने में असफल रही है।'
बेंच ने कहा, 'आग ने हमारी आंखें खोल दी हैं और हमें इस मद्दे पर सोचने को मजबूर किया है। हम बीएमसी से जानना चाहेंगे कि खाने-पीने की जगहों को खोलने और चलाने के लिये क्या कायदे-कानून हैं जिनका पालन करना होता है।'
और पढ़ें: UIDAI की नई पहल, आधार के लिए आपका चेहरा बनेगा सत्यापन का जरिया
कमला मिल मामले में फायर विभाग की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पब के पास लाइसेंस नहीं था।
जस्टिस बोर्डे ने कहा, 'अगर खाने-पीने की अनुमति किसी को दी जाती है तो ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास बुनियादी सुविधाएं हैं। फायर सेफ्टी के नियम कड़ाई से लागू किये जाने चाहिये।'
कोर्ट ने कहा कि अब म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को लाइसेंस देने के बाद सुरक्षा से जुड़ी सुविधाओं का सर्वे कराना चाहिये।
और पढ़ें: भारत-इजरायल के बीच 9 समझौते, नेतन्याहू ने मोदी को बताया 'क्रांतिकारी'
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
-
MS Dhoni : धोनी के चक्कर में फैन ने कर लिया गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप, कारण जाकर उड़ जाएंगे आपके होश
-
KKR vs DC Dream11 Prediction : कोलकाता और दिल्ली के मैच में ये हो सकती है ड्रीम11 टीम, इन्हें चुनें कप्तान
-
KKR vs DC Head to Head : कोलकाता और दिल्ली में होती है कांटे की टक्कर, हेड टू हेड आंकड़ों में देख लीजिए
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें
-
Mulank 1 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 1 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
May Property Purchase Muhurat: मई 2024 में संपत्ति खरीदने के ये हैं 7 शुभ मुहूर्त, आप भी नोट कर लें
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन करें तुलसी के ये उपाय, आर्थिक तंगी होगी दूर!