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बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, कमला मिल्स अग्निकांड ने समाज की रूह को हिला दिया

कमला मिल पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इस घटना ने रूह को हिला कर रखा दिया है। साथ ही इस दुर्घटना के लिये पूरी तरह से प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।

Updated on: 15 Jan 2018, 06:35 PM

नई दिल्ली:

कमला मिल पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इस घटना ने रूह को हिला कर रखा दिया है। साथ ही इस दुर्घटना के लिये पूरी तरह से प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।

दिसंबर में कमला मिल कंपाउंड स्थित रेस्त्रां में आग लगने से 14 लोगों की मौत हो गई थी।

कोर्ट ने कहा है कि प्रशासन ने फायर सेफ्टी के नियमों की अनदेखी की है और इस घटना के बाद उन्हें खुद को चुस्त-दुरुस्त करना चाहिये।

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये टिप्पणियां की। याचिका में इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की गई है। साथ ही सरकार और बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को निर्देश देने की भी मांग की गई कि वो सभी रेस्त्रां की फायर ऑडिट करे।

आरएम बोर्डे और आरजी केतकर की बेंच ने कहा, 'इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने हमारी रूह को कंपा दिया है। ये समय है कि बीएमसी खुद को बेहतर बनाएगा।'

बीएमसी के वकील अनिल सखारे ने कहा कि राज्य सरकार ने बीएमसी से इस संबंध में एक रिपोर्ट मांगी है। जिसे इस सप्ताह के अंत तक सौंप दिया जाएगा।

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कोर्ट ने इस मामले की सुनाई 12 फरवरी के लिये तय की है। साथ ही कहा है कि उस रिपोर्ट की कॉपी भी कोर्ट में जमा कराई जाए।

कोर्ट ने कहा कि उम्मीद है कि कॉरपोरेशन अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करेगा।

कोर्ट ने कहा, 'आग की घटना प्रशासन की विफलता का परिणाम है। वो बारस पब, रेस्त्रां और खाने की जगहों में कड़े नियमों को लागू कराने में असफल रही है।'

बेंच ने कहा, 'आग ने हमारी आंखें खोल दी हैं और हमें इस मद्दे पर सोचने को मजबूर किया है। हम बीएमसी से जानना चाहेंगे कि खाने-पीने की जगहों को खोलने और चलाने के लिये क्या कायदे-कानून हैं जिनका पालन करना होता है।'

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कमला मिल मामले में फायर विभाग की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पब के पास लाइसेंस नहीं था।

जस्टिस बोर्डे ने कहा, 'अगर खाने-पीने की अनुमति किसी को दी जाती है तो ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास बुनियादी सुविधाएं हैं। फायर सेफ्टी के नियम कड़ाई से लागू किये जाने चाहिये।'

कोर्ट ने कहा कि अब म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को लाइसेंस देने के बाद सुरक्षा से जुड़ी सुविधाओं का सर्वे कराना चाहिये।

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