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निगम की जमीनों पर खुलेंगे शराब के ठेके, 3600 दुकानों को मिलेगी जगह

मध्य प्रदेश में गलत तरीके से खुलीं शराब की 3600 दुकानों को राज्य सरकार अब व्यवस्थित करने की का मन बना चुकी है.

Updated on: 20 Oct 2019, 02:33 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में गलत तरीके से खुलीं शराब की 3600 दुकानों को राज्य सरकार अब व्यवस्थित करने की का मन बना चुकी है. अस्पताल, स्कूल, शिक्षण संस्थान और रिहायशी इलाकों के पास ये दुकानें न हों, इसका परीक्षण नगरीय निकाय करेंगे. इसके बाद शराब की दुकानों के लिए सबसे मुफीद जगह दी जाएगी.

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जानकारी के मुताबिक आबकारी विभाग इन जगहों को स्थाई करेगा और हर साल नया लाइसेंस देते वक्त पुराने कॉन्ट्रैक्टर से जगह को खाली कराएगा. इसके लिए प्रस्ताव तैयार हो गया है. सीएम कमलनाथ से चर्चा के बाद इसै कैबिनेट में लाया जाएगा. एक अप्रैल 2020 से नए लाइसेंस दिए जाने हैं. विभाग उससे पहले ही चाहता है कि निकाय शराब की दुकानों के लिए जगह तय कर ले.

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जब भी कोई नया व्यक्ति शराब का लाइसेंस पाता है तो पुराना ठेकदार उसे दुकान के लिए जगह नहीं देता. जिसके कारण उसे आसपास ही नई जगह लेनी पड़ती है. कई बार इसे लेकर विवाद होता है. क्योंकि प्रतिबंधित स्थलों पर शराब की दुकान खोल दी जाती है. इसी के लिए नया रास्ता खोजा गया है.

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नगर निगम, नगर पालिका व परिषद और ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्र में दुकान देंगे. साथ ही बाजार दर से किराया लेंगे. सरकार का कहना है कि इससे एकाधिकार खत्म होगा और शराब की दुकानें भी व्यवस्थित होंगी. शराब की दुकानों के सहारे इस साल सरकार को करीब 13000 करोड़ के रेवेन्यू की उम्मीद है.