जबलपुर के मटर की ग्लोबल ब्रांडिंग होगी, सीएम शिवराज ने भी की तारीफ
जबलपुर का मटर देश की नामचीन मंडियों जैसे मुंबई, हैदराबाद, भोपाल, नागपुर और रायपुर के अलावा सात समुंदर पार जापान और सिंगापुर के लोगों के व्यंजनों का जायका बढ़ा रहा है.
जबलपुर:
मध्य प्रदेश की संस्कारधानी के तौर पर पहचाने जाने वाले जबलपुर के मटर की मांग देश के अन्य राज्यों में होती है, इसीलिए यहां उत्पादित मटर की ग्लोबल ब्रांडिंग की तैयारी शुरु हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'एक जिला एक उत्पाद' को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है. उसी के तहत जिलाधिकारी कर्मवीर शर्मा ने यहां के मटर के उत्पादन के वर्तमान रकबे को बढ़ाने और अच्छे किस्म के बीज की बुवाई करने और मटर प्रसंस्करण पर विशेष जोर दिया है. जबलपुर में उत्पादित होने वाले मटर में से लगभग 80 फीसदी मटर दूसरे स्थानों पर जाते हैं.
बताया गया है कि रबी सीजन में जिले के दो विकासखंडों शहपुरा एवं पाटन के किसान मटर की खेती को प्राथमिकता देते हैं. यहां के तकरीबन 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में दो लाख 30 हजार मीट्रिक टन मटर का उत्पादन किया जाता है. जिले के सिहोरा, मझौली और जबलपुर विकासखंडों के आंशिक क्षेत्रों में भी मटर की खेती होती है. वर्तमान में जबलपुर का मटर देश की नामचीन मंडियों जैसे मुंबई, हैदराबाद, भोपाल, नागपुर और रायपुर के अलावा सात समुंदर पार जापान और सिंगापुर के लोगों के व्यंजनों का जायका बढ़ा रहा है. जिले में अभी निजी क्षेत्र के दो मटर प्रसंस्करण यूनिट कार्यरत है. यहीं से प्रोसेस्ड मटर सिंगापुर और जापान भेजा जाता है.
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मटर उत्पादक किसानों, उद्यमियों और मटर प्रसंस्करण इकाईयों के संचालकों के साथ हाल ही में कार्यशाला कर एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जिले में मटर की फसल के चयन की जानकारी दी और इसके व्यापक उत्पादन और मार्केट लिंकेज पर चर्चा की. कलेक्टर शर्मा ने बताया कि मटर से लोगों को खेत से मंडी तक काम मिलता है, साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने का अवसर बढ़ेगा. मटर की तुड़ाई, ढुलाई और बाहर परिवहन के साथ-साथ सब्जी ठेला और रेहड़ी व्यापारियों को भी काम मिलता है. साथ ही मटर प्रसंस्करण व्यवस्था को और अधिक होने से रोजगार के और अवसर बढ़ेगे.
राज्य के मुख्यमंत्री चौहान ने भी अपने एक ट्वीट में एक जिला-एक उत्पाद के तहत कलेक्टर जबलपुर द्वारा मटर के ब्रांड एवं गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कार्यशाला के आयोजन एवं कोल्ड स्टोरेज अधोसंरचना विकास की पहल की सराहना की है.
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