साहिबगंज बना बांग्लादेशी घुसपैठियों का पनाहगाह, हजारों हिंदू परिवार हो रहे हैं प्रभावित
झारखंड के साहिबगंज जिला इन-दिनों बांग्लादेशी घुसपैठियों का सिर्फ पनाहगाह ही नहीं बल्कि उससे अब साहिबगंज में रहने वाले करीब दो से तीन हजार हिंदू परिवार भी प्रभावित हो रहे हैं.
highlights
- साहिबगंज बना बांग्लादेशी घुसपैठियों का पनाहगाह
- हजारों हिंदू परिवार हो रहे हैं प्रभावित
- ग्रामीण कर रहे हैं जोरदार विरोध
Sahibganj:
झारखंड के साहिबगंज जिला इन-दिनों बांग्लादेशी घुसपैठियों का सिर्फ पनाहगाह ही नहीं बल्कि उससे अब साहिबगंज में रहने वाले करीब दो से तीन हजार हिंदू परिवार भी प्रभावित हो रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि जिला प्रशासन उच्च न्यायालय के निर्देश पर अतिक्रमण करने के लिए उनके निवास स्थान दियाराह नारायणपुर गांव के वार्ड नंबर एक, दो, तीन और चार पहुंच गई. हालांकि ग्रामीणों ने जब इसका जोरदार विरोध किया तो जिला प्रशासन वहां से खाली हाथ लौट गए, लेकिन जिला प्रशासन ने आगामी 17 मार्च तक उन तमाम हिंदू परिवार के सारथी को खाली करने का अल्टीमेटम दिया है. यह जो तस्वीर आप देख रहे हैं, यह उन सभी हिंदू परिवारों के घर का है. यह तमाम परिवार उस समय पूर्वी पाकिस्तान से भागकर अपने धर्म की रक्षा करने के लिए हिंदुस्तान आये थे.
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साहिबगंज बना बांग्लादेशी घुसपैठियों का पनाहगाह
इसके बाद भारत सरकार व बिहार सरकार के निर्देश तत्कालीन राजमहल अनुमंडल पदाधिकारी के देखरेख में उन तमाम हिंदू परिवारों को भारतीय नागरिकता पत्र और रहने के लिए राज महल अंचल क्षेत्र के पूर्वी नारायणपुर गांव के कई अलग-अलग मोजाओं में उन्हें बसाया गया था. इसके बाद उन तमाम हिंदू परिवारों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों की नजर पड़ गई और बांग्लादेशी उन्हें परेशान करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने लगे. आगे आपको बता दें इसके बाद उनके जमीन पर भूमि सीमांकन विवाद चलने लगा, लेकिन काफी समय तक मामला कोर्ट में चलने के बाद आखिरकार झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए जिला प्रशासन को तोजी नंबर 707 के तहत भूमि के दस्तावेजों की जांच कर भूमि का सीमांकन करने का निर्देश दिया है.
हजारों हिंदू परिवार हो रहे हैं प्रभावित
वहीं, मामले को लेकर राजमहल अनुमंडल पदाधिकारी रौशन कुमार ने बताया कि बीते तीन वर्षों से भूमि के सीमांकन को लेकर विवाद चल रहा था. मामला राजमहल अंचल क्षेत्र के नारायण पुर मौजा के मुर्गी टोला का है, जहां दो पक्षों के समुदायों में भूमि विवाद चल रहा है. जिसमें मोहम्मद यूसुफ शेख और मोहम्मद इनामुल शेख दोनों उक्त भूमि को अपना बताते हैं, जिस पर लंबे समय से विवाद चल रहा है. वहीं हाई कोर्ट में वाद संख्या 216/20 में चल रहे विवाद को लेकर जारी आदेश के बाद जिला प्रशासन के द्वारा भूमि के दस्तावेजों की जांच कर उनका सीमांकन किया जाएगा.
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