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झारखंड : राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने दीप प्रज्वलित कर बांस कारीगर मेला 2019 का किया आगाज

उदघाटन समारोह में झारखंड राज्य के सभी बांस कारीगरों को बधाई देते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड विकास की ओर लगातार अग्रसर है.

Updated on: 19 Sep 2019, 11:02 AM

New Delhi:

झारखंड में पहली बार बांस कारीगर मेला 2019 का उदघाटन झारखंड के राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने दीप प्रज्वलित कर किया. उदघाटन समारोह में झारखंड राज्य के सभी बांस कारीगरों को बधाई देते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड विकास की ओर लगातार अग्रसर है. पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा एक से बढ़कर एक कार्य आमजनों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए किए गए हैं. झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से भरा प्रदेश है. यहां विकास की अनंत संभावनाएं हैं. सांस्कृतिक विविधता से राज्य की विशिष्टता है. सभी धर्मों के लोग आपसी भाईचारा के साथ रहते हैं . यहां के लोगों में विभिन्न प्रकार की कला एवं हुनर मौजूद है. जनजातीय समुदाय के लोग भी अपने हुनर से पूरे राज्य में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. किसी भी राष्ट्र और राज्य के समग्र विकास के लिए उद्योग स्थापित करना अति महत्वपूर्ण है. उद्योग ही राष्ट्र और राज्य के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

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कुटीर उद्योग, लघु उद्योग सभी राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.वैश्विकरण के युग मे इसकी भूमिका और महत्वपूर्ण हो चुका है.केंद्र तथा राज्य सरकार लघु तथा कुटीर उद्योग के विकास हेतु कई पहल किये जा रहे हैं.यह राज्य के विकास के साथ साथ राज्य में रोजगार सृजन का एक सशक्त माध्यम है. बांस आधरित उद्यम इसी के कड़ी के रूप में जाना जाता है.झारखंड में प्राकृतिक रूप से बांस की उपलब्धता सुलभ है.यहाँ विभिन्न प्रकार के बांस उपलब्ध हैं. राज्य में लगभग 6 लाख बांस कारीगर उपलब्ध हैं.

जिनमें अधिकांशतः अनुसूचित जाति एवं जनजातीय समाज के लोग हैं.उन्होंने कहा कि यहां के लोग बांस की खेती से लेकर बांस से होने वाले विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं. इनसे इनके जीवन मे भी सुधार आ रहा है. भारतीय समाज मे बांस को शुभ माना जाता है.कई शुभ कार्य मे बांस से बने वस्तुओं का उपयोग किया जाता है. सौभाग्य की बात है भारत के जिन राज्यों में सबसे अधिक बांस का उत्पादन होता है उनमें झारखंड भी प्रमुख है. भारत सरकार द्वारा वन अधिनियम में संशोधन कर अगरबत्ती निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है. दुमका जिला में भी बांस से अगरबत्ती का निर्माण किया जा रहा है. यहां की महिलाएं अगरबत्ती निर्माण से जुड़ आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है.

इन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की जरूरत है ताकि वे इस दिशा में और भी बेहतर कर सकें. राज्य सरकार द्वारा बांस के परंपरागत शिल्प कारों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए,रोजगार के नए अवसर प्रदान करने तथा उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए बांस का अभिमान कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है. मनरेगा के तहत राज्य में उन्नत किस्म के बांस की खेती की जा रही है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बांस से बनी वस्तुओं का मांग पूरे विश्व में बढ़ा है.

आज सरकार ने फ्लिपकार्ट से एमओयू किया है ताकि यहां के कारीगरों द्वारा उत्पादित सामग्रियों को देश विदेशों में बेचा जा सके. मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में हमारे हुनरमंद शिल्पकार देश विदेशों में अपनी एक अलग पहचान बनायेंगे. इस क्षेत्र में निवेश की काफी संभावना है. मुझे विश्वास है कि उद्यमी इस क्षेत्र में निवेश हेतु आवश्यक पहल करेंगे ताकि यहां के संसाधनों का बेहतर ढंग से उपयोग हो सके तथा यहां के लोग आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें. राज्य सरकार उद्योग स्थापित करने के लिए कई मदद कर रहे हैं.

5 बांस कारीगर समूह को दिया गया 8 लाख 90 हज़ार का चेक...

आउटडोर स्टेडियम दुमका में 2 दिवसीय बांस कारीगर मेला के उदघाटन समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा पांच बास कारीगर महिला समूहों को 8 लाख 90 हज़ार रुपये का चेक दिया गया. इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा इन समूहों को यह राशि लॉन के रूप में दिया गया है. इस राशि से वे बांस से होने वाले सामानों का निर्माण करेंगे. उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा. नयी नयी तकनीक का उपयोग कर बांस से निर्मित सामग्रियों का निर्माण करेंगी.
बांस कारीगर मेला 2019


बांस कारीगर मेला के उद्घाटन समारोह में किया गया पुस्तक का विमोचन...

आउटडोर स्टेडियम दुमका में 2 दिवसीय बांस कारीगर मेला का विधिवत उद्घाटन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया गया. बड़ी संख्या में लोग देश विदेश से इस मेला में भाग लेने आए हैं. बांस शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए,उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए यह आयोजन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है. यहां के शिल्पकार नई-नई तकनीक सिख कर अपने जीवन स्तर में सुधार लाएंगे. इसी क्रम में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सहित सभी अतिथियों द्वारा बंबू रिसोर्स स्टेटस एंड बिज़नेस अपॉर्चुनिटी इन झारखंड पुस्तक का विमोचन किया गया.

बांस कारीगर मेला 2019


कारीगरों के बीच बंबू टूल किट का किया गया वितरण...

आउटडोर स्टेडियम दुमका में 2 दिवसीय बांस कारीगर मेला के उदघाटन समारोह में माननीय राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा पांच बांस कारीगरों के बीच बंबू टूल किट का वितरण किया गया. मकर चंद मोहाली,रंजन मांझी, दिनेश मोहली,अमित तुरी,तथा अनूप मोहली के बीज टूल किट का वितरण किया गया.

इधर अपने संबोधन में मुख्य सचिव डी के तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आह्वान किया है के देश की अर्थव्यवस्था हमें 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जानी है. किसानों की आय को दोगुना करना है. नयी नयी चीज़ों पर हमें ध्यान देना होगा तब अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. बांस उद्योग में आपार संभावनाए हैं. झारखंड में बांस को फसल की तरह पैदा करने की जरूरत है. बांस की गुणवत्ता बढ़ानी है. बाजार उपलब्ध कराने की जरूरत है. 6 लाख से अधिक झारखण्ड़ के बांस कारीगर को लाभ मिले. 

रोजगार के कई अवसर है. बांस हमारे राज्य में अधिक मात्रा में उपलब्ध है. बांस के उत्पादन के मूल्यवर्धन हेतु कार्य किये जा रहे हैं. बांस कारीगरों के आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कार्य किये जा रहे हैं. जिसे ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.लघु एवं कुटीर उद्योग के माध्यम से कई कार्य किये गए हैं.एक नया नाम देकर बांस के क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है.इन शिल्पकारों को मार्केट उपलब्ध कराने के लिए भी प्लानिंग की गई है. झारखंड सरकार ने फ्लिपकार्ट से एमओयू किया है जिसके माध्यम से बांस के सामान को बेचा जाएगा. जेम में भी बांस से बने सामग्री उपलब्ध.होगा. सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी. झारखण्ड में बांस उद्योग के विकास का अनुकूल वातावरण है.

उन्होंने  राज्य  के लोगों से अपील करते हुए कहा कि राज्य के  विकास हेतु यहां के किसानों के चेहरे पर ख़ुशहाली लाने के लिए हम सभी मिलकर कार्य करें. इस दौरान राज्यपाल ने प्रशिक्षण के लिए लाये गये सभी मशीन के साथ बांस द्वारा बनाये गए सामग्रियों का निरीक्षण किया.कार्यक्रम में दुमका के डीसी,एसपी डीडीसी सहित तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे.