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हेमंत सोरेन को मिला ‘चैंपियन ऑफ चेंज’ पुरस्कार

सोरेन को झारखंड के बरहेट और दुमका विधानसभा क्षेत्र में एक जनप्रतिनिधि के रूप में बेहतर कार्य करने के लिए ‘चैंपियन ऑफ चेंज अवार्ड’ दिया गया है.

Updated on: 20 Jan 2020, 11:35 PM

रांची:

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ‘चैंपियन ऑफ चेंज अवार्ड- 2019’ से सम्मानित किया गया है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उक्त सम्मान दिया. सोरेन को झारखंड के बरहेट और दुमका विधानसभा क्षेत्र में एक जनप्रतिनिधि के रूप में बेहतर कार्य करने के लिए ‘चैंपियन ऑफ चेंज अवार्ड’ दिया गया है. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिस लक्ष्य के लिए जनता ने उन्हें चुना है, वह उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे. सोरेन ने यह सम्मान राज्य की जनता और अपने पिता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को समर्पित किया. 

बता दें कि झारखंड (Jharkhand) में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया हो, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत (Hemant Soren) ने धड़ाधड़ कई अहम फैसले लिए हैं. सरकार बनने के बाद पहली और एकमात्र हुई कैबिनेट (Cabinet) की बैठक में सरकार ने पत्थलगड़ी मामले को लेकर दर्ज सभी मामले वापस लेने के निर्णय लिए हैं. झारखंड में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद की शपथ ली थी. उनके साथ अन्य तीन विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी.

इसके बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है. हेमंत ने कैबिनेट की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर इसके संकेत दे दिए कि आने वाले समय में सरकार कठोर निर्णय लेने से भी नहीं हिचकेंगे. सरकार बनने के दूसरे ही दिन कैबिनेट की पहली बैठक में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) में संशोधन के विरोध करने तथा पत्थलगड़ी करने के क्रम में जिन व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमे दायर किए गए हैं, उन्हें वापस लेने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा बैठक में विभिन्न विभागों में जितनी भी रिक्तियां हैं, उन्हें भी जल्द भरने का निर्देश दिया गया. महिलाओं तथा अवयस्कों के विरुद्ध हो रहे यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों की शीघ्र सुनवाई के लिए सभी जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन का निर्णय लिया गया.