logo-image

चिटफंड बैंक कंपनी ने लाखों ग्रामीणों को लगाया चुना, अरबों रुपये लेकर भाग गई कंपनी

गढ़वा जिले में फिल्मी तरीके से एक चिटफंड बैंक कंपनी ने लाखों ग्रामीणों को अरबों रुपये का चुना लगया है. केवल गढ़वा जिले में ही लोगों को अरबों रुपये का चूना लगाया गया है. बाकि अगर पूरे झारखंड की बात करें तो राशि बढ़ कर हजारों करोड़ रुपए हो जाएगी.

Updated on: 17 Feb 2023, 10:32 AM

highlights

  • चिटफंड बैंक कंपनी ने लाखों ग्रामीणों को अरबों रुपये का लगया चुना 
  • कंपनी के भाग जाने से लोगों में बढ़ा आक्रोश 
  • लॉकडाउन में लालच में आकर बैंक में कराए थे रुपये जमा - ग्रामीण

Garhwa:

गढ़वा जिले में फिल्मी तरीके से एक चिटफंड बैंक कंपनी ने लाखों ग्रामीणों को अरबों रुपये का चुना लगया है. केवल गढ़वा जिले में ही लोगों को अरबों रुपये का चूना लगाया गया है. बाकि अगर पूरे झारखंड की बात करें तो राशि बढ़ कर हजारों करोड़ रुपए हो जाएगी. कंपनी ने लोगों को बेवकूफ बना कर पहले तो पैसे जमा करवाए और फिर मौका देखकर रातों रात सभी के पैसे लेकर भाग गए. जिससे लोगों में अब काफी आक्रोश है.

अरबों रुपए का चुना लगाकर भाग गई कंपनी

दरअसल, वेलफ़ेयर बिल्डिंग लिमिटेड नामक एक चिटफंड कंपनी ने गढ़वा जिले वासियों को अरबों रुपए का चुना लगाकर फ़रार हो गया है. कंपनी के द्वारा ज़्यादातर ग्रामीण इलाकों के आम लोगों से कम दिनों में रुपए दुगना करने की लालच देकर ग्रामीणों से दस हजार से लेकर लाखों रुपए तक धीरे धीरे जमा कराये और मौक़ा देख कर भाग खड़े हुए. अचानक कंपनी के भाग जाने से आम लोगों में आक्रोश बढ़ गया है. गढ़वा जिले की सिर्फ बात की जाए तो लगभग एक अंदाज़ा दो लाख ग्रामीणों से कम से कम दस हजार जमा कराये जो राशि बढ़ कर लगभग 20 अरब रुपय होते हैं.

पैसे वापस दिलाने की लोग कर रहे हैं मांग 

गढ़वा जैसे पिछड़े इलाक़े का यह हाल है तो पूरे झारखंड में यह राशि बढ़ कर हजारों करोड़ रुपए होते हैं. जिला समाहरणालय में इन दिनों सैकडो ग्रामीणों की भीड़ देखी जा रही है क्योंकि इन ग्रामीण लोगों को चिटफंड  कंपनी के लोगों ने ठगा है. दरअसल किसी ने यह अफ़वाह फैला दी कि डीसी के पास आवेदन देने से पैसे वापस मिल जाएंगे. जिसके बाद पिछले पांच दिनों से सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ देखी जा रही है. सभी आवेदन लेकर अपने डूबे रुपय की चिटफ़ंड कंपनी से वापस दिलाने की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि लॉकडाउन में हमलोगों ने लालच में आकर एक बैंक में रुपय जमा कराए और कंपनी भाग गई जिससे हमलोंगो का रुपय डूब गया.

यह भी पढ़ें : धुएं के गुबार में सांस लेने को मजबूर छात्र, स्कूल हटाने की हो रही है मांग

जांच का दिया गया निर्देश

लोगों से पैसा इकट्ठा करने वाले एजेंट ने बताया कि बहुत लोगों का पैसा वैभव नामक कंपनी ने उनके द्वारा जमा किया गया था. पैसा जमा होने के बाद कंपनी यहां से भाग गई. गढ़वा अंचल अधिकारी ने बताया कि किसी ने अफवाह फैला दी कि समाहणालय परिषद में चिटफंड कंपनी के द्वारा लोगों के लिए गए पैसे के लिए आवेदन किया जा रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि जो आवेदन प्राप्त हुए हैं उसकी जांच की जाए और यह कंपनी कहां है इसकी जानकारी भी ली जाएगी.