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भाजपा नेता ने चंपई सोरेन के झारखंड सीएम बनने का श्रेय पीएम मोदी को दिया, जानें क्या थी वजह...

चंपई सोरेन को मौका इसलिए मिला क्योंकि 'चार साल पहले हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार कई कानूनी पचड़ों में फंस गई थी. वहीं दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह है कि पीएम मोदी ने बार-बार कहा है कि वंशवाद की राजनीति, देश की राजनीति के लिए दीमक की तरह है.

Updated on: 02 Feb 2024, 07:01 PM

नई दिल्ली :

झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने शुक्रवार को झामुमो उपाध्यक्ष चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद पर पदोन्नत करने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया. बाउरी ने कहा कि वंशवाद की राजनीति के खिलाफ बने माहौल के कारण चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बन सके. गौरतलब है कि, कथित भूमि घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में घंटों की पूछताछ के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन के पद से हटने के कुछ दिनों बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बता दें कि दोनों आपस में संबंधित नहीं हैं...

बाउरी ने कहा कि चंपई सोरेन को मौका इसलिए मिला क्योंकि 'चार साल पहले हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार कई कानूनी पचड़ों में फंस गई थी. वहीं दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह है कि पीएम मोदी ने बार-बार कहा है कि वंशवाद की राजनीति, देश की राजनीति के लिए दीमक की तरह है. देश में वंशवाद की राजनीति के खिलाफ बने माहौल के कारण चंपई सोरेन सीएम बने हैं.

नई गठबंधन सरकार हासिल करेगी विश्वास मत 

गौरतलब है कि, चंपई सोरेन को रांची के राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने पद की शपथ दिलाई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राजद नेता सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली. मंत्री आलमगीर आलम ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि चंपई के नेतृत्व वाली नई गठबंधन सरकार 5 फरवरी को विश्वास मत हासिल करेगी. 

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खरीद-फरोख्त की आशंका बरकरार...

उन्होंने बताया कि, राज्य में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा बहुमत साबित करने के लिए शक्ति परीक्षण पांच फरवरी को दो दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन होगा. इस बीच, शक्ति परीक्षण से पहले खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को विमान से हैदराबाद ले जाया गया है.

कोई जोखिम नहीं उठा सकते...

वहीं पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि, उन्हें सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था. इस दौरान कोई जोखिम नहीं उठा सकते, क्योंकि भाजपा झामुमो के विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर सकती है.