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Ranchi News: Rahul Gandhi को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत, नीचली अदालत के फैसले पर लगाई रोक

झारखंड हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए किसी भी पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी यानी कि निचली अदालत एमपी एमएलए कोर्ट के सशरीर उपस्थित होने के आदेश पर अदालत ने रोक लगा दी है.

Updated on: 04 Jul 2023, 01:41 PM

highlights

  • राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत
  • हाईकोर्ट ने नीचली अदालत के फैसले पर लगाई रोक
  • मोदी सरनेम मामले में क्वैशिंग याचिका हुई थी दाखिल
  • MP-MLA कोर्ट ने सशरीर कोर्ट होने का दिया था निर्देश

rA:

झारखंड हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए किसी भी पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी यानी कि निचली अदालत एमपी एमएलए कोर्ट के सशरीर उपस्थित होने के आदेश पर अदालत ने रोक लगा दी है. अब राहुल गांधी को सशरीर उपस्थित नहीं होना पड़ेगा. वहीं, शिकायतकर्ता प्रदीप कुमार मोदी को नोटिस जारी किया गया है. उन्हें 2 सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा गया है. वहीं, इस मामले पर अगली सुनवाई अब 16 अगस्त को होगी.  

हाई कोर्ट ने नीचली अदालत के फैसले पर लगाई रोक

आपको बता दें कि मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायतकर्ता प्रदीप कुमार मोदी ने मानहानि का केस किया है. इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रही है. एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने इस मामले पर राहुल गांधी को सशरीर पेश होने का आदेश दिया था. जिसके बाद राहुल गांधी की ओर से इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए सशरीर पेश होने के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है.

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बयान को बताया था मोदी समाज का अपमान 

प्रदीप मोदी द्वारा अर्जी में आरोप लगाया कि 23 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी जब रांची में चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे, तब उन्होंने मोदी सरनेम वाले लोगों पर टिप्पणी की थी. इससे पूरे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं. 

क्या है पूरा मामला?

  • राहुल गांधी ने की थी मोदी सरनेम पर टिप्पणी
  • 2019 चुनाव प्रचार के दौरान की थी टिप्पणी
  • वकील प्रदीप मोदी ने कोर्ट में दायर की थी याचिका
  • बयान को बताया था मोदी समाज का अपमान 
  • याचिकाकर्ता ने की थी कार्रवाई की मांग
  • MP-MLA कोर्ट ने सशरीर कोर्ट होने का दिया था निर्देश