जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की नई रणनीति, कैडर रखे विदेशियों पर नजर
बीजेपी ने अपने कैडर को विदेशी समूहों, प्रतिनिधिमंडलों या व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे एजेंडे पर नजर रखने को कहा है.
highlights
- 15-16 नवंबर को हुई दो दिवसीय भाजपा राज्य कार्यकारिणी की बैठक
- कैडर से विदेशियों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा
जम्मू:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जम्मू-कश्मीर में अपने कैडर से विदेशियों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में व्यक्ति, समूह और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) शामिल हैं. भाजपा नेतृत्व का मानना है कि उनकी गतिविधियों को जानने से पार्टी और सरकार को इन विदेशियों के खिलाफ भविष्य की कार्रवाई की योजना बनाने में मदद मिलेगी. यह पता चला है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर भाजपा की दो दिनों की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं को विदेशी प्रतिनिधिमंडल या समूह या व्यक्तियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने और 'वे क्या कर रहे हैं' पर जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा गया है.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'हमने अपने कैडर को विदेशी समूहों, प्रतिनिधिमंडलों या व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे एजेंडे पर नजर रखने को कहा है. कार्यकर्ताओं को यह भी पता लगाना चाहिए कि ये समूह किन गैर सरकारी संगठनों का समर्थन कर रहे हैं.' इस कदम को एक नई कार्यशैली बताते हुए पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, 'इससे हमें यह जानने में मदद मिलेगी कि वे यहां किसलिए आए हैं और क्या कर रहे हैं. इससे पार्टी को यह जानने में भी मदद मिलती है कि क्या वे जम्मू एवं कश्मीर के बीच एक क्षेत्रीय विभाजन पैदा कर रहे हैं. मूल रूप से कैडरों को ऐसा करने के लिए कहा गया है, क्योंकि यह हमें उनकी गतिविधियों के बारे में जागरूक करेगा. इससे हमें उनकी गतिविधियों को बेहतर तरीके से समझने में भी मदद मिलेगी.'
केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी कैडर को नई दिशा देने के बारे में पूछे जाने पर, जम्मू-कश्मीर भाजपा के सह प्रभारी आशीष सूद ने कहा कि इससे संगठन को यह जानने में मदद मिलेगी कि वे राज्य में किस तरह का नैरेटिव बना रहे हैं. सूद ने कहा, 'यह उन गतिविधियों में से एक है, जो हमारा कैडर कर रहा है. इससे हमें यह पहचानने और जानने में मदद मिलेगी कि वे जम्मू एवं कश्मीर में किस तरह के नैरेटिव का निर्माण कर रहे हैं. वे मित्र और अमित्र विदेशी दोनों हो सकते हैं और इससे हमें उनके बारे में वह सब कुछ जानने में मदद मिलेगी, जो वह कर रहे हैं.'
15-16 नवंबर को हुई दो दिवसीय भाजपा राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह कहते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया कि वह बिना किसी बाहरी समर्थन के केंद्र शासित प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाएगी. भगवा पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से चल रही विभिन्न परियोजनाओं से सीखने को भी कहा. एक भाजपा सूत्र ने कहा, 'राज्य इकाई के उपाध्यक्षों को जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों के साथ चल रही परियोजनाओं का दौरा करने और उससे सीखने के लिए कहा गया है. इससे कार्यकर्ताओं की दृष्टि भी व्यापक होगी और वह पार्टी के लिए एक बेहतर एसेट (काम के व्यक्ति) बनेंगे. पुरानी बयानबाजी के स्थान पर, हमने अपने कार्यकर्ताओं को वास्तविक अनुभव देकर उनके ज्ञान को उन्नत करने की योजना बनाई है.'
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