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हवा के बाद अब दिल्‍ली का पानी भी हुआ जहरीला, मोदी और केजरीवाल सरकार आमने-सामने

दिल्ली में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की जांच में गुणवत्ता के 19 मानकों पर दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) का पानी विफल पाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार में इस मुद्दे पर जंग छिड़

Updated on: 21 Nov 2019, 08:45 AM

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को लिखे एक पत्र में कहा कि पीने के पानी की जांच के लिए जो संयुक्त टीम बनाई जाए, उसमें कोई राजनीतिक व्यक्ति या गैर-सरकारी अधिकारी शामिल न हो. दिल्ली में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की जांच में गुणवत्ता के 19 मानकों पर दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) का पानी विफल पाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार में इस मुद्दे पर जंग छिड़ गई है.

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पासवान ने एक बार फिर दोहराया कि पानी के मसले को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. दिल्ली में नल से आपूर्ति किए जा रहे पानी की दोबारा जांच को लेकर केजरीवाल के पत्र का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "आपका पत्र कुछ देर पहले मिला, जिसमें आपने दिल्ली सरकार एवं दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया एवं दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य शलभ कुमार को (जांच समिति के लिए) मनोनीत किया है."

उन्होंने कहा, "मेरी जानकारी में दिनेश मोहनिया संगम विहार से विधायक हैं. चूंकि यह आम नागरिकों से जुड़ा हुआ मामला है, मैं यह नहीं चाहता हूं कि इसमें किसी प्रकार की राजनीति हो."

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पासवान ने अपने पत्र में कहा, "हमने संयुक्त टीम के लिए बीएसआई के महानिदेशक एवं उप-महानिदेशक को मनोनीत किया है. अत: आपसे मैं आग्रह करूंगा कि राजनीतिक व्यक्ति की जगह आप दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी या बोर्ड के किसी वरिष्ठ पदाधिकारी को मनोनीत करने का कष्ट करें."

उन्होंने आगे कहा, "इसी प्रकार समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त सूचना के अनुसार आपके द्वारा पानी के नमूने एकत्र करने के लिए 32 टीम बनाई गई हैं. हमारी तरफ से संयुक्त रूप से यह कार्य हो, इसके लिए बीआईएस के 32 अधिकारियों के नाम की सूची आज ही आपको भेज देंगे."

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उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई टीम में जिन 32 लोगों को शामिल किया गया उनकी जानकारी की मांग करते हुए कहा कि उनमें कोई राजनीतिक व्यक्ति या गैर-सरकारी अधिकारी न हो. पासवान ने यहां आईएएनएस से कहा कि पानी के नमूने की जांच को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए और इसके लिए गठित की जाने वाली समिति में गैर-राजनीतिक लोग होने चाहिए.

उन्होंने कहा कि पानी की जांच का काम विषेषज्ञों का है और इसके लिए उसके जानकारों को ही जांच समिति में सम्मिलित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि केंद्र और राज्य की एजेंसियां मिलकर पारदर्शी तरीके से दिल्ली में पानी की गुणवत्ता की जांच दोबारा करा लें.

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पासवान ने कहा, "मैंने बार-बार कहा है कि पानी का मसला आम लोगों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. हमने 20 राज्यों में पीने के पानी के नमूने एकत्र कर जांच करवाई है, जिस पर किसी राज्य ने प्रतिकार नहीं किया है."

उन्होंने कहा, "हमारा मकसद सिर्फ यही है कि गरीब लोगों को नल के माध्यम से जो पानी मिल रहा है, वह पीने लायक हो." उन्होंने कहा कि दिल्ली में नल के पानी की जांच बीआईएस और दिल्ली बोर्ड के अधिकारियों की निगरानी में दोबारा हो और उसकी रिपोर्ट एक महीने में पेश की जाए.

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गौरतलब है कि दिल्ली में कृषि भवन और राम विलास पासवान के आवास 12 जनपथ सहित 11 जगहों से पानी के नमूने लिए गए थे, जिनकी जांच रिपोर्ट पिछले दिनों आई और रिपोर्ट में सभी नमूने बीएसआई के गुणवत्ता मानकों पर विफल पाए गए.