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Election Result 2023: छत्तीसगढ़ में भी भाजपा को बहुमत मिलना माना जा रहा तय, लगातार पिछड़ रही कांग्रेस

Election Result 2023: मध्यप्रदेश और राजस्थान ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ में भी बीजेपी बहुमत की ओर बढ़ रही है. रूझानों मुताकि बीजेपी 57 को कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है.

Updated on: 03 Dec 2023, 12:00 PM

highlights

  • रुझानों में भाजपा 52 और कांग्रेस 37 सीटों पर आगे
  • चरण दास महंत सहित 7 मंत्री लगातार चल रहे पीछे
  • भूपेश बघेल अपनी सीट बचाने के लिए भी कर रहे संघर्ष

दिल्ली :

Election Result 2023: मध्यप्रदेश  और राजस्थान ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ में भी बीजेपी बहुमत की ओर बढ़ रही है.   रूझानों मुताकि बीजेपी 57 को कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है. चौथे चरण के वोटिंग के बाद भाजपा सत्ता में वापसी करती दिख रही है. यही नहीं कांग्रेस के 7 मंत्री व स्वयं मुख्यमंत्री भी पीछे चल रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीजेपी छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज होने से महज चार कदम ही पीछे है. साथ ही बीजेपी रूझानों में बहुमत की तरफ बढ़ती जा रही है. 

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इन दिग्गजों की साख दांव पर 
सिहावा विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस प्रत्याशी अंबिका मरकाम 2008 में चुनाव जीतकर एक बार विधायक बन चुकी हैं. अब वर्ष 2023 की विधानसभा चुनाव दूसरी विधानसभा चुनाव है, ऐसे में उनकी साख भी दांव पर है, क्योंकि वह महिला कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. यही नहीं कांग्रेस के 7 मंत्रियों को अपनी कुर्सी जाने का डर सता रहा है. रूझानों को देखकर लोगों को 12 बजने का इंतजार है. क्योंकि ज्यादातर सीटों पर 12  बजे तक आंकड़ें साफ हो रहे हैं.  बताया जा रहा है कि जैसे ही 3  बजेंगे तो  साफ हो जाएगा कि किस पार्टी को अगली सरकार की शपथ लेनी है... 

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पाटन से स्वयं मुख्यमंत्री पीछे
छत्तीगसढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन विधानसभा सीट से पीछे चल रहे हैं. रुझानों में पाटन सीट से बीजेपी उम्मीदवार विजय बघेल आगे चल रहे हैं. बता दें कि विजय बघेल दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद और भूपेश बघेल के रिश्तेदार हैं. वहीं डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत भी अपनी सीट जीतने के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. हालांकि भूपेश बघेल बीच में एक बार जरूर कुछ अंतर आगे चले गए थे. लेकिन फिर से पीछे हो गए हैं. हालांकि बढ़त का अंतर सिर्फ 156 वोट ही है. इसके अलावा अन्य कई वीआईपी सीट पर दिग्गजों को जमानत बचानी तक भारी पड़ रही है.