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जल विधेयक लाएगी छत्तीसगढ़ सरकार, पानी की बर्बादी पर भी होगी सजा

विधेयक के लिए सरकार मसौदा तैयार करने में जुटी है. इसे मॉनसून सत्र में विधानसभा में पेश किया जा सकता है.

Updated on: 15 May 2019, 09:13 AM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार ग्राउंड और सरफेस वाटर के बेहतर प्रबंधन के लिए समग्र जल विधेयक लाने जा रही है. इसमें पेयजल, सिंचाई और उद्योगों के लिए पानी की मात्रा तय की जाएगी तो पानी की बर्बादी रोकने के लिए सजा का प्रावधान किया जाएगा. विधेयक के लिए सरकार मसौदा तैयार करने में जुटी है. इसे मॉनसून सत्र में विधानसभा में पेश किया जा सकता है.

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राज्य में फिलहाल 1932 के कानून के आधार पर जल प्रबंधन किया जाता है. यही वजह है कि अलग-अलग उपयोग के लिए पानी की मात्रा या गुणवत्ता तय नहीं है. हालत यह है कि बरसों पुराने कानून को नहीं बदलने के कारण कोई रेग्युलेटरी अथाॅरिटी भी नहीं बनाई गई है. इसी कारण उद्योगों के बोर खनन के लिए आज भी केंद्रीय भूजल बोर्ड से मंजूरी लेनी पड़ती है.

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नया विधेयक पारित होने पर एक रेग्युलेटरी अथाॅरिटी भी बनाई जाएगी, जिसका हस्तक्षेप और सीधा नियंत्रण होगा. पानी के बेहतर उपयोग के साथ-साथ भविष्य में आने वाले संकट को ध्यान में रखकर प्लानिंग की जाएगी. वहीं पानी की बर्बादी रोकने के लिए भी कानून बनाया जाएगा.

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