'बुनियादी संसाधन... उचित पाठन... शिक्षित बिहार, तेजस्वी बिहार !' पर छिड़ा सियासी संग्राम
इस बीच प्रो. चंद्रशेखर ने एक ट्वीट कर बिहार के सियासी गलियारों की सरगर्मी बढ़ा दी है. दरअसल, प्रो. चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, 'बुनियादी संसाधन... उचित पाठन... शिक्षित बिहार, तेजस्वी बिहार !'
highlights
- चंद्रशेखर के नए ट्ववीट ने बढ़ाया सियासी तापमान
- डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को देनी पड़ी सफाई
Patna:
रामचरितमान के विरोध में बयान देने के कारण बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. एक तरफ बीजेपी उनकी आलोचना कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू भी उनके बयान का समर्थन नहीं कर रही है. इस बीच प्रो. चंद्रशेखर ने एक ट्वीट कर बिहार के सियासी गलियारों की सरगर्मी बढ़ा दी है. दरअसल, प्रो. चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, 'बुनियादी संसाधन... उचित पाठन... शिक्षित बिहार, तेजस्वी बिहार !' उनके ट्वीट को लेकर नए-नए कयास लगाए जा रहे हैं.
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प्रो. चंद्रशेखर के इस ट्वीट को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. जब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से चंद्रशेखर के ट्वीट से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बयान में क्या हर्ज है?, इसका मतलब केवल मेरा नाम ही नहीं होता. बिहार को तेजस्वी बनाने की बात भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रो. चंद्रशेखर के इस बयान का नजरिया देखने वालों पर निर्भर करता है कि कौन किस नजरिए से देख रहा है.
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वहीं, जगदानंद सिंह के 'मंडल कमंडल' वाले बयान पर जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने मीडियाकर्मियों से ही सवालिया लहजे में पूछा कि मंडल और कमंडल के बारे में बताइए? तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी शुरू से ही सामाजिक न्याय को लेकर काम करती रही है किसी को भी जाति धर्म के नाम पर नहीं बांटा जा सकता. पिछड़ी जाति के लोग भी सामंतवादी हो सकते हैं, ये किसी के भी सोंच पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि जिसकी जितनी समझ है उतना ही मीडिया में चल रहा है. किसी भी बात अथवा चीज को देखने का सबका अलग-अलग नजरिया होता है.
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BJP ने कसा तंज
वहीं, बीजेपी नेता निखिल आनंद ने प्रो. चंद्रशेखर के बयान पर तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट किया, 'बिहार में 1990 से 2005 तक लालू प्रसाद के खास शिक्षामंत्री, 2005 से 2022 नीतीश कुमार के खास शिक्षामंत्री, अब 2022 से तेजस्वी यादव के खास शिक्षामंत्री. मतलब 1990 से 2022 तक न बुनियादी संसाधन मिला, न उचित पाठन. 'तेजस्वी' बिहार का मॉडल है तो बिहार की जनता बेवकूफ या भकचोंहर है क्या?'
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