Kaimur News: बाबाधाम भक्ति की मिशाल बना कैमूर का ये व्यक्ति, शरीर पर कपड़ों की जगह चुभाई सुई
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में अनोखे कांवरिये भी देखने को मिलते हैं. कोई लेटकर बाबा के नगरी पहुंचता है तो कोई 5 किलों का कावर लेकर जाता है. कैमूर के एक भक्त ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. जिसने अपने पूरे शरीर में सुई चुभों रखी है. जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई है.
highlights
- कैमूर जिले से आया है भक्त
- भक्ति के आगे दर्द कुछ भी नहीं
- सुई चुभोंने की क्या है वजह
- लोगों की लग गई भीड़
Bhagalpur:
सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है. भक्त भगवान भोले नाथ के दर्शन के लिए लोग दूर दूर जा रहे हैं, लेकिन देवघर के बाबाधाम की बात ही अलग है. लोग पैदल चलकर भगवान शिव के दर्शन के लिए जाते हैं. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में अनोखे कांवरिये भी देखने को मिलते हैं. कोई लेटकर बाबा के नगरी पहुंचता है तो कोई 5 किलों का कावर लेकर जाता है. कैमूर के एक भक्त ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. जिसने अपने पूरे शरीर में सुई चुभों रखी है. जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई है.
कैमूर जिले से आया है भक्त
इस भक्त का नाम संटू शर्मा उर्फ केसरिया लोहार है. जो की कैमूर जिले का रहने वाला है. जिसने अपने शरीर पर कपड़ों की जगह सुई चुभों रखी है. जैसे ही संटू शर्मा सुल्तानगंज के गंगा घाट पर उतरे तो पूरी भीड़ का ध्यान केवल उनके ऊपर ही था. हठी कांवरिया संटू शर्मा अपने शरीर में हजारों सुई पिरोकर गंगाजल भरने के लिए सुल्तानगंज पहुंचा था. संटू शर्मा ने बताया कि भगवान भोले नाथ का तो हर कोई भक्त है. मैं भी उनके एक भक्तों में से हूं. जो उनके दर्शन के लिए देवघर जा रहा हूं.
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भक्ति के आगे दर्द कुछ भी नहीं
भक्त ने बताया कि उसने बचपन से सुना था कि जो भी सच्चे मन से बाबा भोलनाथ के दरबार में जाता है तो उसकी हर इच्छा पूरी होती है. मैं भी आज इसी उम्मीद के साथ उनके दरबार में जा रहा हूं. शायद मेरी भी मनोकामना भगवान सुन लें. उन्होंने कहा कि हजारों सुई की चुभन से उन्हें दर्द तो जरूर हो रहा है, लेकिन भोलेनाथ के भक्ति के आगे ये दर्द कुछ भी नहीं है.
सुई चुभोंने की क्या है वजह
संटू शर्मा ने बताया कि उसका रोजगार बहुत ही अच्छा चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन में सबकुछ खत्म हो गया. मैं सड़क पर आ गया, पूरी तरह से कर्ज में डूब गया. मैं अपनी इस जिंदगी से भी तंग आ गया था, गलत कदम उठाने जा रहा था, लेकिन घरवालों ने मुझे रोक लिया और अब मैं बाबा के दरबार में अर्जी लगाने आया हूं ताकि वो मेरे सारे दुखों को हर लें.
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