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लोकसभा चुनाव

सुपौल पुल हादसा: कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने पुल निर्माण पर उठाए सवाल

कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन के विरुद्ध सुपौल सदर थाने में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया गया है. दरअसल, कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने शनिवार को बकौर के बीच निर्माणाधीन पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से का जायजा लिया.

Updated on: 23 Mar 2024, 05:31 PM

highlights

  • सुपौल पुल हादसे पर बड़ा सवाल
  • रंजीत रंजन ने पुल निर्माण पर उठाए सवाल
  • सांसद पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज 

 

Supaul:

कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन के विरुद्ध सुपौल सदर थाने में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया गया है. सेक्टर पदाधिकारी 32 सह पूर्वी कोशी तटबंध प्रमंडल सुपौल के कनीय अभियंता अनिल कुमार की ओर से दिए गए लिखित आवेदन के आलोक ये प्राथमिकी दर्ज की गयी है. दरअसल, कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने शनिवार को बकौर के बीच निर्माणाधीन पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से का जायजा लिया. शुक्रवार की सुबह पुल दुर्घटना में एक मजदूर की मौत हो गयी थी. वहीं, दस घायल मजदूर अभी भी इलाजरत है. अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर पहुंची, राज्यसभा सांसद ने सरकार और निर्माण एजेंसी को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए. 

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रंजीत रंजन पर केस दर्ज

उन्होंने कहा कि निर्माण गुणवत्ता में लापरवाही की गई है. शिकायत के बावजूद अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोशी नदी पर एनएच 57 के पुल और कोसी रेल पुल के निर्माण के दौरान भी कई बार पीलर धसने का मामला सामने आया. इसके बावजूद शुक्रवार की सुबह हुई इस घटना पर सवाल खड़े किए. क्या पुल निर्माण के पूर्व यहां मिट्टी और रेत की सही से जांच की गई है या नहीं. उन्होंने सरकार से इस दुर्घटना की विस्तृत जांच की मांग की है.

पुल की गुणवत्ता पर सांसद ने उठाए सवाल

इधर सुपौल डीएम कौशल कुमार ने रंजीत रंजन के विरुद्ध प्राथमिकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि सेक्टर पदाधिकारी के आवेदन के आलोक में सुपौल सदर थाना कांड संख्या 202/24 दर्ज कर लिया गया. आवेदन में सेक्टर पदाधिकारी ने बताया है कि शनिवार की सुबह करीब 11:00 वह बकौर स्थित अपने ड्यूटी स्थल पर थे, जहां शुक्रवार की सुबह पुल हादसा हुआ था. बताया कि शनिवार को राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन बिना किसी अनुमति के अपने 30-40 समर्थकों के साथ घटना वाले स्थल पर पहुंची और निर्माण एजेंसी के कर्मियों की खोजबीन करने लगे. जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया. वहीं, घटनास्थल तक पहुंचने और वापस लौटने के लिए चचरी पुल का सहारा लिया गया. जबकि चचरी पुल वाले इलाके में कोसी नदी का तेज बहाव है. ऐसे किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई थी.