Narak Chaturdashi 2023: नरक चतुर्दशी पर होती है यम की पूजा, दीपक दान करते समय भूलकर भी न करें ये गलती
धनतेरस के दूसरे दिन और दिवाली से एक दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को कोणार्क चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाती है. इस त्यौहार को अलग-अलग जगहों पर कई नामों से मनाया जाता है.
highlights
- नरक चतुर्दशी पर होती है यम की पूजा
- इसे छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं
- जानें यम दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त
Patna:
Narak Chaturdashi 2023: देश में हर जगह दिवाली के त्योहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह है, बाजार सज चुके हैं, अब लोग धनतेरस के बाद दिवाली का जश्न मनाने में जुट गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस के दूसरे दिन और दिवाली से एक दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को कोणार्क चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाती है. इस त्यौहार को अलग-अलग जगहों पर कई नामों से मनाया जाता है. कहीं इसे रूप चौदस के रूप में मनाया जाता है, कहीं नरक चौदस के रूप में, कहीं रूप चतुर्दशी के रूप में और सबसे बढ़कर इसे छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन मृत्यु के देवता यानी यमराज की पूजा की जाती है.
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आपको बता दें कि छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान करना अनिवार्य माना जाता है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा और दीपदान करने से परिवार में होने वाली असामयिक मृत्यु से राहत मिलती है और परिवार के सदस्य रोगमुक्त रहते हैं. वहीं एक अन्य मान्यता यह भी है कि भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को नरकासुर का वध किया था और नरकासुर के वध की खुशी में इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है और दीपक जलाये जाते हैं. इसी खुशी में इस दिन दीप दान भी किया जाता है.
इसके साथ ही आपको बता दें कि पुरानी मान्यताओं के साथ-साथ इस दिन दीपक जलाने और पूजा करने के कुछ विशेष नियम और विधि भी हैं. वहीं इसको लेकर ये भी कहा जाता है कि, ''छोटी दिवाली के दिन शाम के समय घर के बाहर कूड़े के ढेर के पास चार बत्तियों वाला एक दीपक जलाना चाहिए और दीप दान करना चाहिए. यह दीपक नया नहीं बल्कि पुराना होना चाहिए यानी पुराने दीपक को जलाकर कूड़े के ढेर के पास रखना चाहिए. इसके पीछे यह मान्यता है कि स्थान चाहे कोई भी हो हर जगह शुभता का वास होता है. साथ ही यह भी मान्यता है कि सुबह-सुबह सरसों का तेल और उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए. इस दिन यमराज के लिए निमित्त तर्पण करना होता है.''
नरक चतुर्दशी 2023 पर यम दीपक जलाने का ये है शुभ समय
इसके साथ ही आपको बता दें कि नरक चतुर्दशी के दिन प्रदोष काल में यम दीपक जलाया जाता है, इसलिए 11 नवंबर को यम दीपक जलाया जाएगा. इस दिन सूर्यास्त शाम 05:32 बजे होगा, इसके साथ ही प्रदोष काल शुरू हो जाएगा, ऐसे में आप शाम 05:32 बजे से यम का दीपक जला सकते हैं.
काली चौदस 2023 की पूजा का जानें मुहूर्त
आपको बता दें कि नरक चतुर्दशी के दिन रात में मां काली की पूजा की जाती है. काली चौदस की पूजा का समय 11 नवंबर को यानी आज है. इस दिन पूजा का समय रात 11:45 बजे से 12:39 बजे तक है.
नरक चतुर्दशी को ऐसे करें पूजा
- ''नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहन लें.
- नरक चतुर्दशी के दिन यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और विष्णु जी के वामन रूप की विशेष पूजा की जाती है.
- घर के ईशान कोण में इन सभी देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित करके विधि पूर्वक पूजन करें.
- देवताओं के सामने धूप दीप जलाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं और मंत्रों का जाप करें.''
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