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'हम' को लेकर सभी अटकलों पर मांझी ने लगाया पूर्णविराम, ट्वीट कर कही बड़ी बात

एक तरफ जहां बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ लगातार बयानों का दौर भी शुरू हो गया है. इन सबके बीच बिहार की राजानीति में 'हम' संयोजक जीतन राम मांझी इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं.

Updated on: 09 Feb 2024, 05:30 PM

highlights

  • 'हम' को लेकर सभी अटकलों पर मांझी ने लगाया पूर्णविराम
  • लिखा- 'मेरे लिए कोई सत्ता की कुर्सी मायने नहीं रखती'
  • सरकार बदलने के बाद कर रहे थे 2 मंत्री पद की मांग

Patna:

Bihar Politics News: एक तरफ जहां बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ लगातार बयानों का दौर भी शुरू हो गया है. इन सबके बीच बिहार की राजानीति में 'हम' संयोजक जीतन राम मांझी इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. जीतन राम मांझी बिहार कैबिनेट में दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं. इससे जीतन राम मांझी को लेकर कई तरह की अटकलें शुरू हो गई थीं. जीतन राम मांझी ने ट्विटर पर ट्वीट कर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. उन्होंने अपने ऑफिसियल एक्स पर ट्वीट कर साफ कहा है कि. ''हम पार्टी पीएम मोदी (PM Modi) के साथ है और आगे भी रहेगा.'' इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा कि, ''मेरे लिए कोई सत्ता की कुर्सी मायने नहीं रखती.''

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'कुर्सी के लालच में किसी को धोखा नहीं दे सकता' - मांझी 

आपको बता दें कि जीतन राम मांझी ने अपने एक्स पर आगे लिखा है कि, ''मेरे लिए कोई सत्ता की कुर्सी मायने नहीं रखती. बस गरीबों, मजलूमों, दबे-कुचलों के हक और हककूक की आवाज उठती रहे उनका काम हो यही काफी है. मैं गरीब जरूर हूं पर कुर्सी के लालच में किसी को धोखा नहीं दे सकता. HAM मोदी जी के साथ थें, HAM मोदी जी के साथ हैं, HAM मोदी जी के साथ रहेंगें.''

दो मंत्री पद की मांग कर रहे थे मांझी

वहीं आपको बता दें कि सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़कर अब एनडीए में शामिल हो गए हैं. इसके बाद नए मंत्रिमंडल में जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' को भी शामिल किया गया और उनके बेटे संतोष मांझी को मंत्री बनाया गया, लेकिन जीतन राम मांझी दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने कहा था कि, ''महागठबंधन की तरफ से सीएम पद का ऑफर मिला था. इस ऑफर को ठुकरा दिया तो एनडीए की सरकार में दो मंत्री पद मिलना चाहिए. ऐसा नहीं होता है तो अन्याय होगा.'' वहीं, जीतन राम मांझी की इस मांग के बाद बिहार की राजनीति में कई तरह की अटकलें भी शुरू हो गई थी.