logo-image

Bihar News: यहां जमीन के अंदर दबा है सोना-चांदी! GSI की टीम ने शुरू की जांच

बांका के कटोरिया प्रंखंड स्थित केनवार गांव सहित कई गांवों में कीमती खनिज और सोना दबा होने का पता चला है. जिसकी खोज के लिए GSI की टीम ने कटोरिया जांच शुरू कर दी है.

Updated on: 18 May 2023, 11:54 AM

highlights

  • जमीन के अंदर दबा है सोना-चांदी!
  • भूमि के गर्भ में हैं सैकड़ों टन हीरे?
  • GSI की टीम ने कटोरिया में शुरू की जांच 
  • नमूनों को जांच के लिए भेजा जाएगा लैब

Banka:

बांका के कटोरिया प्रंखंड स्थित केनवार गांव सहित कई गांवों में कीमती खनिज और सोना दबा होने का पता चला है. जिसकी खोज के लिए GSI की टीम ने कटोरिया जांच शुरू कर दी है. पहाड़ी और बंजर भूमि के गर्भ में खनिज और सोना मिलने की संभावना को लेकर क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह है. खैरवार गांव में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जीएसआई की टीम ने पिछले 2 दिनों से सर्वेक्षण का कार्य कर रही है. भूगर्भ में कीमती खनिज का पता लगाने के लिए कोलकाता से बड़ी-बड़ी मशीनों को उपयोग में लाया जा रहा है. इसको लेकर भूवैज्ञानिक लगातार इस क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं. इलाके के बुजुर्गों का कहना है कि अंग्रेजों के समय पर यहां मिट्टी को काटकर बड़े-बड़े गड्ढे भी बनाए गए थे.

अंग्रेजों के जमाने का खजाना

बताया जा रहा है कि जहां पर मशीनें को लगाया गया है उससे लगभग 130 से 200 मीटर दूरी पर अंग्रेज जमाने में अंग्रेजों द्वारा पत्थर एवं मिट्टी को काटकर बड़ा गड्ढा बनाया गया था. बताया जा रहा है कि उस बड़े गड्ढे के भी निशान मिले हैं. हालांकि जमीन के अंदर सोने के खजाने की पुष्टि अभी तक आधिकारिक तौर पर नहीं की गई है, लेकिन चिन्हित जगहों पर सोने की खुदाई की मकसद से आगे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जिसके बाद से ही इलाके के लोग भी काफी खुश नजर आ रहे हैं. यहां सोना, हीरा और कोयला होने की संभावना जताई जा रही है. जबकि खुदाई कर संग्रहित नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा. वहीं, जिस जगह पर GSI की टीम काम कर रही है उस जगह पर आम लोगों के जाने से रोक लगा दी गई है.

यह भी पढ़ें : Land Jihad: संथाल परगना में चल रहा लैंड जिहाद का खेल, HC ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

2 दिन से चालु है काम

उक्त जमीन मालिक शिव शंकर यादव ने बताया 2 दिनों से मशीन द्वारा कार्य किया जा रहा है, इस जमीन पर सर्वजीत यादव, मेघ लाल यादव, मुरलीधर यादव एवं योगेंद्र यादव का हिस्सा है जो दस कठ्ठा से अधिक है. उसी में मशीन द्वारा खनिज पदार्थ की खोज किया जा रहा है. कहे जाने पर हम लोगों को कुछ नहीं बताया जा रहा है. जबकि जमीन पर खुदाई करवाने वाले अधिकारी ने मुझे एक लेटर पैड पर लिख कर दिया है.