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कन्हैया कुमार के बिगड़े बोल, मोदी-शाह पर कहा- हम भी छठी के दूध याद दिला देंगे

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है.

Updated on: 16 Feb 2020, 06:56 PM

नालंदा:

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. कन्हैया कुमार ( ने अमित शाह को सीधे तौर पर ललकारते हुए कहा कि अगर धर्म के आधार पर किसी की भी नागरिकता ली जाएगी तो अमित शाह हम भी तुमको बता देते हैं कि हम बिहार की धरती के हैं. हम भी छठी के दूध याद दिला देंगे. भाकपा नेता ने नालंदा में जनसभा को संबोधित हुए यह बातें कहीं.

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कन्हैया कुमार ने कहा, 'तुम्हारी साजिशों का पर्दाफाश करेंगे. कहते हैं कि हम लोग नागरिकता देने के खिलाफ हैं. हम लोग नागरिकता देने के खिलाफ नहीं हैं, हम लोग धर्म के आधार पर यह देश का विभाजन करने की साजिश रची जा रही है, धर्म के आधार पर लोगों की नागरिकता और उनका अधिकार छीनने की साजिश रची जा रही है, उनके खिलाफ थे और है.' उन्होंने साथ ही पत्थर मारने वाले पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'पत्थर मारते हो, पत्थर को फूल समझकर खा लेंगे, डरना हमारे जहन में है ही नहीं.'

भाकपा नेता ने आगे कहा, 'अब करीब करीब देश के मुद्दे खत्म होते जा रहे हैं. विकास का ढोल भी मोदी जी का फूट गया है तो नया मुद्दा लाएंगे ना. बेरोजगारी हटाएंगे, कालाबाजारी का धन आएगा, किसान का कीमत दुगना होगा, यह सब सामान तो मोदी जी बेचकर आ गए. अब नया दुकान हुआ है तो नया सामान चाहिए ना. अमित शाह के मॉल में नया ऑफर चाहिए, सेल सेल सेल- 50 पर्सेंट की छूट तो अमित शाह को यह आइडिया आया कि आसाम की तरह पूरे देश में एनआरसी की घोषणा की कर दी जाए तो दिल्ली भी जीत जाएंगे. बिहार भी जीत जाएंगे और बंगाल भी जीत जाएंगे.'

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बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ कन्हैया कुमार अपनी 'जन-गण-मन' यात्रा पर हैं. उन्होंने 30 जनवरी को बिहार के बापूधाम, चंपारण से सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध में जन-गण-मन यात्रा शुरू की थी, जो 27 फरवरी को समाप्त होने वाली है. हालांकि इस दौरान बिहार के कई शहरों में कन्हैया कुमार को लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा है.