logo-image

Bihar News: GMCH पूर्णिया मेडिकल कॉलेज के हाल बेहाल, बंद पड़ी हैं जांच मशीनें

पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अपने कारनामों को लेकर आए दिन चर्चाओं में बना रहता है. एक बार फिर ये अस्पताल अपनी बदइंतजामी को लेकर सुर्खियों में है.

Updated on: 13 Oct 2023, 03:27 PM

highlights

  • GMCH पूर्णिया मेडिकल कॉलेज के हाल बेहाल
  • बंद पड़ी हैं जांच मशीनें
  • हमेशा से फिसड्डी स्वास्थ व्यवस्था

Purnia:

पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अपने कारनामों को लेकर आए दिन चर्चाओं में बना रहता है. एक बार फिर ये अस्पताल अपनी बदइंतजामी को लेकर सुर्खियों में है. सीमांचल के सबसे बड़े अस्पतालों में गिने जाने वाले GMCH पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में मरीज परेशान हो रहे हैं. क्योंकि अस्पताल में एक्स-रे विभाग और सीटी स्कैन विभाग दो दिन से बंद है. जिसके चलते यहां जांच के लिए आने वाले मरीज मायूस होकर वापस लौट रहे हैं. इसके अलावा अस्पताल में बाकी मशीनें भी खराब पड़ी हैं. जब मरीज जांच मशीनों को लेकर सवाल करते हैं तो लो वोल्टेज का बहाना दिया जाता है और मरीजों को उनकी हाल पर छोड़ दिया जाता है. अस्पताल में बदइंतजामी और अनदेखी को लेकर अब लोगों में आक्रोश का माहौल है.

हमेशा से फिसड्डी स्वास्थ व्यवस्था

पूर्णिया मेडिकल कॉलेज स्वास्थ व्यवस्था को लेकर हमेशा से फिसड्डी साबित हुआ है, लेकिन इस बार तो अस्पताल में लापरवाही की इंतहा हो गई. जहां मरीजों को अब जांच की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है. मरीज और उनके परिजनों की मानें तो पिछले दो दिनों से एक्स रे नहीं हो रहा है और ऐक्स-रे ना होने के कारण मरीजों का इलाज भी रुका हुआ है. मामले को लेकर जब सीटी स्कैन केंद्र के संचालक से बात की गई तो उन्होंने भी लो वोल्टेज की बात कही. साथ ही जब अस्पताल अधीक्षक डॉ संजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने भी लो वोल्टेज का रटा-रटाया बहाना बनाकर जल्द समस्य ठीक करने का आश्वासन दिया.

यह भी पढ़ें: Bihar Politics: ललन सिंह ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, बीजेपी ने कह दी ये बड़ी बात

जिम्मेदार कौन?

सवाल उठता है कि अगर अस्पताल में लो-वोल्टेज के चलते जांच ना हो पाने से किसी मरीज की हालत गंभीर हो गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? बिजली विभाग या अस्पताल प्रबंधन? सवाल ये भी कि अस्पताल में इसकी वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई? क्या मरीजों का बेहतर इलाज अस्पताल की प्राथमिकता नहीं है? सवाल ये भी कि अगर अस्पताल ही बीमार होगा तो मरीजों का इलाज कैसे संभव है?

रिपोर्ट : प्रफुल्ल झा