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दम तोड़ रहा सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट, महज एक ट्रांसफॉर्मर के अभाव में ठप पड़ी परियोजना

सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट देखरेख के अभाव में दम तोड़ रहा है.

Updated on: 21 Aug 2023, 01:30 PM

highlights

  • दम तोड़ता सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट
  • सोलर पावर प्लांट में पांच महीने से उत्पादन ठप
  • एक ट्रांसफॉर्मर के अभाव में ठप पड़ी परियोजना

Supaul:

सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट देखरेख के अभाव में दम तोड़ रहा है. इस प्लांट में करीब पांच महीने से बिजली का उत्पादन ठप है. दरअसल, पिपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत अंतर्गत सखुआ गांव के राजा पोखर में तैरता हुआ बिजली घर स्थापित किया गया था. करीब 3 करोड़ की लागत वाले इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की स्थापना के बाद इसमें सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन भी शुरू किया गया, लेकिन कुछ महीनों के बाद ही देखरेख के अभाव में इसमें खराबी आने लगी. जिससे यह प्लांट फिलहाल पांच महीने से बंद पड़ा हुआ है.

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दम तोड़ता सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट

आलम यह है कि सरकार के जल जीवन हरियाली के तहत लाई गई इस दूरगामी योजना से ना तो बिजली का उत्पादन हो रहा है और ना ही मछली का. जबकि सरकार का उद्देश्य यह था कि सोलर फ्लोटिंग के माध्यम से बिजली का उत्पादन किया जाएगा और पोखर में मछली का उत्पादन भी होगा. ऊपर बिजली और नीचे मछली के उत्पादन के लक्ष्य के साथ राजा पोखर में स्थापित इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट में पिछले पांच महीने से बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है.

एक ट्रांसफॉर्मर के अभाव में ठप पड़ी परियोजना

दरअसल, जल जीवन हरियाली यात्रा के तहत सीएम नीतीश कुमार वर्ष 2020 में यहां पहुंचे थे. तब सीएम द्वारा ही इस दूरगामी योजना की नीव रखी गई. पिपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत अंतर्गत सखुआ गांव के राजा पोखर पर इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का शिलान्यास के बाद इसकी स्थापना के लिए युद्ध स्तर पर कार्य शुरू हुआ और अगस्त 2022 में इस प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया. कहा गया कि इस प्लांट से करीब 525 किलोवाट बिजली का उत्पादन शुरू हुआ है, जिस बिजली को स्थानीय पावर सब स्टेशन में भेजा जाता है और वहां से जरूरत के हिसाब से बिजली का डिस्ट्रीब्यूसन आसपास के इलाके में होना है.

सोलर पावर प्लांट में पांच महीने से उत्पादन ठप

खास बात यह है कि स्थापना के महज 6 महीने के बाद ही इसमें खराबी आने लगी. बताया जा रहा है कि खराबी आने के बाद 3 मार्च 2023 से अब तक इसे दुरुस्त नहीं किया जा सका है.
वहीं, मौके पर मौजूद मेंटेनेंस इंजीनियर बताते हैं कि पहले ट्रांसफार्मर में खराबी आई तो उसके लिए ऊपर सूचना दी गई. अब एमसीबी की खराबी है. इसके अलावा इसका डिजाइन भी चेंज करने की जरूरत है. खराबी की सूचना विभाग को दे दी गई है. जल्द ही इसे ठीक कर इससे बिजली का उत्पादन शुरू कराया जाएगा.

सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट की खूब सराहना

जाहिर है जब इस योजना की शुरुआत की गई थी, तो लोग सीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की खूब सराहना कर रहे थे, लेकिन अब चूंकि यह पांच महीने से खराब पड़ा है. ऐसे में जरूरत है कि संबंधित अधिकारी सजगता से इसे जल्द दुरुस्त कराएं. ताकि ना केवल सरकार की साख बच सके, बल्कि प्रदूषण मुक्त बिजली का उत्पादन भी दोबारा शुरू हो और इसका लाभ लोगों को मिल सके.