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BSEB ने छात्र के भविष्य के साथ किया खिलवाड़, हिंदी सब्जेक्ट की जगह कर दिया उर्दू

एक छात्र को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की लापरवाही के कारण परीक्षा से देने से वंचित होना पड़ा गया. परीक्षार्थी के पंजीयन रसीद और एडमिट कार्ड में हिंदी सब्जेक्ट की जगह उर्दू कर दिया गया है.

Updated on: 16 Feb 2023, 11:53 AM

highlights

  • छात्र को परीक्षा से देने से होना पड़ा वंचित 
  • एडमिट कार्ड में हिंदी सब्जेक्ट की जगह कर दिया गया उर्दू 
  • शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी नहीं हुआ सुधार 

Darbhanga:

बिहार में मैट्रिक की परीक्षा चल यही है. हर छात्र के लिए ये परीक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण होती है, लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की लापरवाही हर दिन सामने आ रही है. जिससे कई छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है. ताजा मामला दरभंगा से है जहां एक छात्र को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की लापरवाही के कारण परीक्षा से देने से वंचित होना पड़ा गया. परीक्षार्थी के पंजीयन रसीद और एडमिट कार्ड में हिंदी सब्जेक्ट की जगह उर्दू कर दिया गया है.

छात्र को परीक्षा से होना पड़ा वंचित

दरअसल, छात्र दरभंगा शहर के बारकरगंज गायत्री मंदिर मुहल्ले का रहने वाला है और इस साल जिला स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा देने वाला था. जिसके लिए जयानंद उच्च विद्यालय बहेड़ा में सेंटर दिया गया था, लेकिन एडमिट कार्ड में सब्जेक्ट के नाम में गलती के कारण उसे मैट्रिक की परीक्षा देने से वंचित होना पड़ा. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक परीक्षार्थियों के लिए डमी एडमिट कार्ड जारी किया था. जिसमें छात्र अमन राज के पंजीयन रसीद में धर्म के कॉलम में इस्लाम लिख दिया गया. वहीं, जहां सब्जेक्ट के कॉलम में हिंदी होनी चाहिए थी वहां उर्दू कर दिया गया. 

शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी नहीं हुआ सुधार 

जिसकी जानकारी मिलते ही छात्र ने अपने विद्यालय के प्रिंसिपल को इसकी जानकारी दी और फिर त्रुटि को दूर करने करने के लिए उनसे आग्रह भी किया. त्रुटि सुधार के लिए परीक्षा समिति के पास भेजा गया. अपनी शिकायत दर्ज करने के बाद छात्र और उसके अभिभावक इस बात से आश्वस्त थे कि अब विभाग से ऐसी गलती नहीं होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. परीक्षा समिति ने एक बार फिर से वही गलती की जो पहले की थी. सब्जेक्ट के कॉलम में हिंदी के वजय उर्दू ही लिखा छोड़ दिया.

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परिजनों ने कार्रवाई की मांग की 

हालांकि पंजीयन रसीद में धर्म के कॉलम में इस्लाम की जगह हिन्दू लिखकर पहले की गलती में सुधार किया, लेकिन एडमिट कार्ड में सब्जेक्ट उर्दू होने के वजह से उसे परीक्षा से आखिरकार वंचित ही होना पड़ा. छात्र अब इस बात से परेशान है कि उसका एक साल बर्बाद हो गया. वहीं, छात्र के परिजन ऐसी गलती करने वाले कर्मी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि छात्र के एक साल बर्बाद होने का भरपाई कौन करेगा.

रिपोर्ट - अमित कुमार