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BJP ने सड़क पर उतरने का किया ऐलान, कहा - गुंगी और बहरी हो चुकी सरकार

बीजेपी ने सदन के बाहर इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया है. सदन के अंदर में बीजेपी ने सरकार पर लाठीचार्ज करवाने का आरोप लगाया है.

Updated on: 07 Nov 2023, 02:37 PM

highlights

  • आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका ने जमकर प्रदर्शन किया
  • कई आंगनबाड़ी सेविका हुई घायल 
  •  बीजेपी ने सरकार पर लाठीचार्ज करवाने का लगाया आरोप 
  • सड़क पर उतरेगी अब बीजेपी 
  • सदन से कर गए वॉकआउट 
  • अब गुंगी और बहरी हो चुकी है सरकार - लखेन्द्र पासवान

Patna:

बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. जहां विधानसभा के बाहर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका ने जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, उनके ऊपर जमकर लाठियां भी बरसाई गई है. जिसमें कई आंगनबाड़ी सेविका घायल हुई है. जिसको लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है. बीजेपी ने सदन के बाहर इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया है. सदन के अंदर में बीजेपी ने सरकार पर लाठीचार्ज करवाने का आरोप लगाया है और ये मांग की है कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय को बढ़ाया जाए. 

सदन से कर गए वॉकआउट 

बीजेपी ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की और फिर सदन से वॉकआउट कर गए. बीजेपी ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया. सदन के स्थगित होने जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को लाठी से पीट कर दबाने की कोशिश की गई है. केंद्र सरकार 4500 रुपए राज्य सरकार को दे रही है. कई राज्यों में काफी अधिक पैसा है. 1450 रुपए राज्य सरकार मानदेय दे रही है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को 10,000 रुपए मानदेय दिया जाए. उन्होंने कहा कि सदन में विपक्ष की आवाज की अभेलना की जा रही है. सदन में जब विपक्ष सवाल कर रहा था तो मुख्यमंत्री उठकर चले गए. 

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सड़क पर उतरेगी अब बीजेपी 

वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी विधायक लखेन्द्र पासवान ने सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इनकी सरकार अब गुंगी और बहरी हो चुकी है. हमने सदन में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की बात सामने रखी, लेकिन हमारी बातों को सुनने वाला कोई भी नहीं था. हमें नजरअंदाज किया गया. इसलिए हमने सदन का बहिष्कार कर दिया. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे. अभी उन्हें जो भी पैसा मिल रहा है वो केंद्र सरकार दी रही है. हमारी ये मांग है कि इन्हें कम से कम 10 हजार रुपए मानदेय दिया जाए.