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अपने निर्दोष बेटे की रिहाई की मांग को लेकर दर-दर भटक रही मां, अधिकारियों से नहीं मिल रही राहत

बिहार के भागलपुर जिले के अलीगंज में वर्ष 2019 में काजल एसिड कांड मामले में पुलिस ने बिना जांच किए निर्दोष पर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया. साथ ही इस घटना के बाद शहर के कुछ राजनीतिक दलों और कुछ संगठनों ने हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

Updated on: 14 Feb 2023, 04:02 PM

highlights

  • मुख्यमंत्री से मां लगा रही इंसाफ की गुहार 
  • काजल एसिड कांड मामले में बिना जांच के पुलिस की कार्रवाई
  • डीएम कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाता रंजीत शाह का परिवार

Bhagalpur:

बिहार के भागलपुर जिले के अलीगंज में वर्ष 2019 में काजल एसिड कांड मामले में पुलिस ने बिना जांच किए निर्दोष पर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया. साथ ही इस घटना के बाद शहर के कुछ राजनीतिक दलों और कुछ संगठनों ने हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, इसलिए पुलिस ने आनन-फानन में निर्दोषों के खिलाफ कार्रवाई कर दी. अब परिजनों ने इस मामले को लेकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया हैं. साथ ही गिरफ्तार और कथित आरोपी रंजीत शाह की मां का कहना है कि पुलिस ने बिना वेरिफिकेशन के मेरे बेटे के खिलाफ एक्शन ले लिया.

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मां ने बिहार के मुख्यमंत्री से इंसाफ की लगाई गुहार 
इधर, मां ने बेटे की रिहाई की मांग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखित आवेदन देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. मांग को लेकर रंजीत शाह के पूरे परिवार डीएम कार्यालय पहुंचे और वहां उन्होंने लिखित आवेदन देकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की. बता दें कि रंजीत शाह के भाई ने बताया कि पुलिस इस केस में अनुसंधान किए बगैर मीडिया के दबाव और सूचक के प्रभाव में आकर बेगुनाहों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर सिर्फ अपना खानापूर्ति किया है. 

पीड़िता की मां का बयान लिए बिना चार्जशीट पेश
साथ ही इस केस में मेरे भाई रंजीत साह को पुलिस ने 15 अगस्त 2021 को घर से गिरफ्तार कर आरोप पत्र दाखिल किया. इस केस में कई अनुसंधानकर्ता राजनीतिक दबाव में आकर सही बातों को छुपाने का काम की है. इस केस के अनुसंधानकर्ता बबरगंज थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष मिथिलेश चौधरी ने बगैर पीड़िता काजल कुमारी से मिले वह बयान लिए और इस घटना की प्रत्यदर्शी पीड़िता की मां पूनम देवी से मिले बिना उनका बयान लेकर चार्जशीट पेश की है.

रंजीत शाह का पूरा परिवार पहुंचा डीएम कार्यालय 
आपको बता दें कि रंजीत शाह के पूरे परिवार डीएम कार्यालय पहुंचे और वहां पर उन्होंने प्रशासन के कार्यशैली पर जमकर तंज कसते हुए कहा कि राजनीतिक दबाव में आने की वजह से पुलिस ने निर्दोष लोगों पर कार्रवाई की है. हालांकि इस मामले में पुलिस ने ढाई साल बाद रंजीत साह को उनके घर से दबोचा है. फिलहाल अभी वह जेल में बंद है. इधर, पीड़िता के पूरे परिवार के सदस्य कभी मुख्यमंत्री को आवेदन दे रहे हैं तो कभी डीएम कार्यालय के चक्कर लगा कर रिहाई की मांग रहे हैं. वहीं मां अपने बेटे की रिहाई की मांग को लेकर आंसू बहा रही है पर सुनने वाला कोई नहीं है. अब रंजीत शाह के भाई ने प्रशासन और सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है. बता दें कि रंजीत शाह के भाई ने बताया कि रंजीत इंग्लिश ऑनर्स से ग्रेजुएशन कंप्लीट कर चुका है. इसके अलावा रेलवे में जॉइनिंग लेटर भी आ चुका है, लेकिन मेरा निर्दोष भाई अभी जेल में बंद है. पुलिस ने अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए पढ़े-लिखे बुद्धिजीवियों को बिना बिना जांच किए गलत रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया है.