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सप्ताह भर पहले जहां सूखे की आशंका थी, अब बना बाढ़ का खतरा

राज्य में लगातर हो रही बारिश के बाद बागमती, कमला बलान और महानंदा नदियां उफान पर हैं तथा गंगा व कोसी नदियों के जलस्तर में में लगातार वृद्धि हो रही है.

Updated on: 12 Jul 2019, 05:36 PM

New Delhi:

बिहार सरकार एक सप्ताह पहले तक जहां बारिश नहीं होने के कारण सूखे की आशंका के मद्देनजर उससे निपटने की तैयारी में जुटी हुई थी, वहीं अब बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के बाद राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और इसे देखते हुए अब सरकार बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुट गई है. राज्य में लगातर हो रही बारिश के बाद बागमती, कमला बलान और महानंदा नदियां उफान पर हैं तथा गंगा व कोसी नदियों के जलस्तर में में लगातार वृद्धि हो रही है. बाढ़ की आहट से राज्य के कई इलाकों के लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शुक्रवार को संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को नदियों के जलस्तर पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया है, वहीं बांधों की स्थिति पर भी निगरानी रखने की ताकीद की है. उन्होंने जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग को संभावित सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए आपस में समन्वय बनाए रखने का भी निर्देश दिया है.

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बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने नदियों के बढ़ रहे जलस्तर की स्थिति, तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बाढ़ की समस्या के निदान के लिए राज्य में कोसी, कमला व बागमती नदियों पर जलाशय बनवाए गए हैं, ताकि नदियों से आने वाली गाद को रोका जा सके.

बाढ़ के मामले में संवेदनशील स्थलों को पहचान कर कुल 208 बाढ़ सुरक्षात्मक योजनाओं की स्वीकृति जल संसाधन विभाग ने दी थी. इसमें से 202 योजनाएं पूरी कर ली गई हैं. बाढ़ से बचाव के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग के जरिए 72 घंटे पहले अनुमान लगाने की व्यवस्था है. जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वद्घि हुई है. उन्होंने दावा किया कि बाढ़ से बचाव की सारी तैयारियां की जा चुकी हैं, और विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है.