एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में साक्षी मलिक को मिला रजत पदक, विनेश सहित 2 को कांस्य से करना पड़ा संतोष
भारतीय टीम ने इस चरण से पहले केवल एक स्वर्ण पदक ही अपने नाम किया था लेकिन इस बार शुरूआती दिन दिव्या, पिंकी और सरिता मोर ने तीन स्वर्ण अपने नाम किये जबकि निर्मला देवी दूसरे स्थान पर रहीं.
दिल्ली:
साक्षी मलिक ने आसान ड्रा का फायदा उठाते हुए रजत पदक हासिल किया जबकि विनेश फोगाट फिर से जापानी पहलवान मायू मुकेदा से हार गयीं लेकिन उन्होंने कांस्य पदक प्ले आफ में दमदार प्रदर्शन किया जिससे भारतीय महिला टीम ने एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कुल आठ पदक अपनी झोली में डाले. भारतीय टीम ने इस चरण से पहले केवल एक स्वर्ण पदक ही अपने नाम किया था लेकिन इस बार शुरूआती दिन दिव्या, पिंकी और सरिता मोर ने तीन स्वर्ण अपने नाम किये जबकि निर्मला देवी दूसरे स्थान पर रहीं. शुक्रवार को साक्षी (65 किग्रा, रजत), विनेश (53 किग्रा, कांस्य), युवा अंशु मलिक (57 किग्रा) और गुरशरन प्रीत कौर (72 किग्रा, कांस्य) ने भारत की तालिका में इजाफा किया.
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साक्षी दो बार जापान की नाओमी रूइके से शुरूआती दौर और फाइनल- से हार गयीं
साक्षी दो बार जापान की नाओमी रूइके -शुरूआती दौर और फाइनल- से हार गयीं जिससे उन्होंने इस प्रतियोगिता में अपना दूसरा रजत अपने नाम किया. उन्होंने 2017 में भी रजत पदक जीता था. रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी शुरूआती दौर में नाओमी से 1-2 से हार गयी थीं और फाइनल में वह एक भी अंक नहीं जुटा सकीं और 0-2 से पराजित हुईं. साक्षी ने कहा, ‘‘वह इतनी मजबूत नहीं थी, लेकिन मैं उसके खिलाफ ज्यादा अंक नहीं जुटा सकी. शुरू में मैंने दो अंक गंवाये. ’’ उन्होंने वापसी करते हुए दो कमजोर प्रतिद्वंद्वियों को पस्त किया और गैर ओलंपिक 65 किग्रा वर्ग के फाइनल में पहुंचीं.
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विनेश स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर
उन्होंने कोरिया की ओहयंग हा पर तकनीकी दक्षता से जीत हासिल की. उज्बेकिस्तान की नाबीरा इसेनबाएवा के खिलाफ सेमीफाइनल में वह 5-0 से आगे चल रही थीं लेकिन उनकी प्रतिद्वंद्वी ने लगातार दो अंक हासिल कर स्कोर 5-4 कर दिया. पर वह इस मामूली बढ़त को अंत तक कायम रखकर जीत हासिल करने में कामयाब हुईं. सभी की निगाहें विनेश पर लगी हुई थीं जिन्हें फिर से मुकेदा से शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे वह स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गयीं. वियतनाम की थि ली कियू के खिलाफ कांस्य पदक प्ले आफ में उन्होंने पहले ही पीरियड में तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की.
विनेश को 2019 में मुकेदा से दो बार विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई चैम्पियनशिप में हार का सामना करना पड़ा
विनेश ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से मैं खुश नहीं हूं लेकिन मैं प्रगति कर रही हूं. इस वर्ग में जापान की अनुभवी पहलवान को हराना आसान नहीं है. मैं हार गयी, लेकिन मैंने कुछ चीजें आजमाने की कोशिश की और इससे थोड़ी मदद भी मिली. इससे पहले मैंने उसके खिलाफ एक भी अंक नहीं जुटाया था लेकिन इस बार मैंने दो अंक हासिल किये. अब ज्यादा अंतर नहीं है, मुकेदा और मेरे बीच अंतर 100-70 का हो गया है. ’’ विनेश को 2019 में मुकेदा से दो बार -विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई चैम्पियनशिप में- हार का सामना करना पड़ा था. यहां भी यही सिलसिला जारी रहा और यह भारतीय फिर से जापानी खिलाड़ी के मजबूत डिफेंस को तोड़ने में जूझती रही. शुरूआती पीरियड में विनेश ने कई बार पैर से आक्रमण करने की कोशिश की लेकिन हर बार मुकेदा ने उनके प्रयास विफल किये और घरेलू प्रबल दावेदार पहलवान पर दबदबा बनाकर जीत हासिल की.
विनेश ने 2013 के बाद से हर एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीता
विनेश ने 2013 के बाद से हर एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीता है. वहीं भारत की युवा पहलवानों में अंशु मलिक (57 किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किया जबकि सोनम मलिक (62 किग्रा) अपना कांस्य पदक मुकाबला हार गयीं. अंशु मलिक ने अपना अभियान किर्गिस्तान की नरेडा अनारकुलोवा पर तकनीकी श्रेष्ठता से मिली जीत से शुरू किया. लेकिन उन्हें मौजूदा विश्व चैम्पियन जापान की रिसकाओ कवई से हार मिली. फिर उन्होंने उज्बेकिस्तान की सेवारा एशमुरातोवा को हराकर सीनियर स्तर पर पहला पदक हासिल किया. इस 18 वर्ष की पहलवान ने कहा, ‘‘मेरे पास गंवाने के लिये कुछ नहीं था.
मैं जानती हूं कि इस वर्ग में अनुभवी पहलवानों के खिलाफ मैं कहां हूं. लेकिन मेरे अनुभव में काफी इजाफा हुआ. ’’ ट्रायल्स में साक्षी को हराने वाली सोनम ने कोरिया की हानबिट ली पर शानदार जीत से प्रभावित किया. उन्हें हालांकि विश्व कांस्य पदक विजेता युकाको कवई से 2-5 की हार मिली. लेकिन कांस्य पदक के प्लेआफ में ऐसुलू टाइनबेकोवा के खिलाफ वह कड़ी चुनौती देकर हारीं. गैर ओलंपिक 72 किग्रा वर्ग में गुरशरनप्रीत कौर मंगोलिया की सेवेगमेड एंखबायार के खिलाफ प्लेआफ में जीत से चैम्पियनशिप में दूसरा पदक जीतने में सफल रहीं.
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