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World Cup 2019ः ICC ने इंग्‍लैंड के विस्‍फोटक बल्‍लेबाज जेसन रॉय को दी बड़ी सजा, फाइनल खेलने पर आ गया था संकट

85 रन की पारी खेलकर इंग्लैंड को जीत दिलाने वाले जेसन रॉय (Jason Roy) ने आइसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.8 को तोड़ने के आरोप में उन्‍हें ICC ने दोषी पाया

Updated on: 12 Jul 2019, 02:03 PM

नई दिल्‍ली:

आईसीसी विश्‍व कप 2019 (ICC Cricket World Cup 2019) के दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्‍ट्रेलिया के बॉलिंग अटैक की धज्‍जियां उड़ाने वाले इंग्‍लैंड के सलामी बल्‍लेबाज जेसन रॉय (Jason Roy) मुश्‍किल में फंस गए हैं. 85 रन की पारी खेलकर इंग्लैंड को जीत दिलाने वाले जेसन रॉय (Jason Roy) ने आइसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.8 को तोड़ने के आरोप में उन्‍हें ICC ने दोषी पाया और सजा भी सुनाई है. गनीमत ये है कि जेसन रॉय (Jason Roy) वर्ल्ड कप के फाइनल में इंग्लैंड के लिए खेलते नज़र आएंगे.

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इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय (Jason Roy) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में ताबड़तोड़ पारी खेली थी. 85 रन की पारी खेलकर इंग्लैंड को जीत दिलाने वाले जेसन रॉय (Jason Roy) ने आइसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.8 को तोड़ने के आरोप को कबूल किया. जेसन रॉय (Jason Roy) ने ये भी स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने कैच आउट होने के खिलाफ अंपायर्स से फैसला बदलने की मांग की थी, जो कि ऑस्ट्रेलिया की पारी के 20वें ओवर में पैट कमिंस की गेंद पर हुआ.

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दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में रॉय ने अंपायर के फैसले पर सवाल उठाया था और फैसला बदलने की मांग की थी. इसी को लेकर जेसन रॉय (Jason Roy) को आइसीसी ने सजा दी है. आइसीसी ने जेसन रॉय (Jason Roy) को आइसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के लेवल वन को तोड़ने का दोषी पाया है. इस व्यवहार के लिए जेसन रॉय (Jason Roy) पर मैच फीस का 30 फीसदी जुर्माना लगा है.

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जेसन रॉय (Jason Roy) ने अपनी सजा कबूल की है इस तरह इस पर कोई सुनवाई नहीं होगी. इसके अलावा जेसन रॉय (Jason Roy) के खाते में दो डिमेरिट प्वाइंट्स भी शामिल कर दिए गए हैं. जेसन रॉय (Jason Roy) पर किसी भी तरह का बैन नहीं लगा. अगर ऐसा होता तो जेसन रॉय (Jason Roy) एक मैच के लिए यानी वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल से बैन हो सकते थे.

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मैच के बैन से जेसन रॉय (Jason Roy) इसलिए भी बच गए हैं क्योंकि उन्होंने कैच आउट दिए जाने के तुरंत बाद बिना सोचे समझे DRS की मांग की थी जो कि उपलब्ध नहीं था. जेसन रॉय (Jason Roy) जानते थे कि गेंद और बल्ले या ग्लव्स में कोई संपर्क नहीं हुआ है, जब डीआरएस उपलब्ध नहीं था तो उन्होंने अंपायर्स को इशारा किया कि गेंद वाइड है वो अपना फैसला बदल सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं और फील्ड अंपायर्स ने उन्हें जाने के लिए बोल दिया और वो निराश होकर चले गए. इस तरह वे मैच बैन से बच गए क्योंकि अंपायर की भी गलती इसमें थी और आइसीसी से इससे मुंह नहीं मोड़ सकती थी.