सिक्सर किंग युवराज सिंह का छलका दर्द, बोले- योयो के वक्त दादा काश आप बीसीसीआई के बॉस होते
भारतीय क्रिकेट में बदलाव हो रहा है. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अब बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बनने वाले हैं, आने वाली 23 तारीख को इसका ऐलान कर दिया जाएगा. इसके बाद सौरव गांगुली अपने अंदाज में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट बोर्ड को चलाएंगे.
New Delhi:
भारतीय क्रिकेट में बदलाव हो रहा है. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अब बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बनने वाले हैं, आने वाली 23 तारीख को इसका ऐलान कर दिया जाएगा. इसके बाद सौरव गांगुली अपने अंदाज में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट बोर्ड को चलाएंगे. इसी बीच उनको बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है. जिन खिलाड़ियों को सौरव गांगुली ने अपनी टीम में रखा था और अच्छा प्रदर्शन किया, वे लगातार अपने अपने ढंग से सौरव गांगुली यानी दादा को बधाई दे रहे हैं. अब बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज रहे और सिक्सर किंग के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले युवराज सिंह ने भी एक ट्वीट कर सौरव गांगुली को बधाई दी है. लेकिन इस दौरान युवराज सिंह का दर्द भी छलक उठा.
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पूर्व भारतीय आलराउंडर युवराज सिंह ने अपने अंदाज में पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष के रूप में स्वागत किया है. युवराज सिंह ने गांगुली को नया अध्यक्ष बनने पर बधाई देते हुए कहा कि वह बीसीसीआई में खिलाड़ियों के हितों को सर्वोपरि रखेंगे. साथ ही युवराज ने मजाक में यह भी कहा कि काश गांगुली उस समय बीसीसीआई अध्यक्ष रहे होते, जब योयो टेस्ट का चयन चरम पर था. दरअसल युवराज सिंह ने यह बात इसलिए कही, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें गलत तरीके से टीम से बाहर किया गया.
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युवराज ने ट्वीट किया, इंसान जितना महान होता है, उसका सफर भी उतना ही महान होता है. भारतीय कप्तान से लेकर बीसीसीआई बॉस तक, यह समझने वाली बात है कि एक खिलाड़ी क्रिकेट प्रशासन के चरम तक पहुंच सकता है और ऐसे में सिर्फ और सिर्फ खिलाड़ियों के हितों की बात होगी. काश, आप उस समय अध्यक्ष रहे होते, जब योयो टेस्ट का चलन था. आपको शुभकामनाएं दादा.
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इसके बाद सौरव गांगुली ने भी इस ट्वीट का जवाब दिया और दिल खोलकर अपने पुराने साथी युवराज सिंह की तारीफ की है. सौरव गांगुली ने लिखा है कि थैंक्यू द वेस्ट, आपने देश के लिए विश्व कप जीता है. अब खेल के लिए अच्छे काम करने का समय है. आप मेरे सुपर स्टार हैं. भगवान आपको हमेशा आशीर्वाद दें.
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अभी सितंबर में ही युवराज सिंह ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि दुख होता है कि 2011 के बाद मैं एक और विश्व कप नहीं खेल सका. टीम प्रबंधन और इससे जुड़े लोगों से मुझे मुश्किल से ही कोई सहयोग मिला. अगर उस तरह का समर्थन मुझे मिलता तो शायद मैं एक और विश्व कप खेल लिया होता. उन्होंने कहा, लेकिन जो भी क्रिकेट मैंने खेला, वो अपने दम पर खेला. मेरा कोई ‘गॉडफादर’ नहीं था. युवराज ने कहा कि फिटनेस के लिए अनिवार्य ‘यो-यो टेस्ट’ पास करने के बावजूद उनकी अनदेखी की गई. उन्होंने कहा था कि टीम प्रबंधन को उनसे पीछा छुड़ाने के तरीके ढूंढने के बजाय उनके करियर के संबंध में स्पष्ट बात करनी चाहिए थी. युवराज ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद आठ से 9 मैच में से दो में मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीतने के बाद मुझे टीम से बाहर कर दिया जाएगा. मैं चोटिल हो गया और मुझे श्रीलंका सीरीज की तैयारी के लिए कहा गया.
Greater the man greatest the journey! Frm IndianCaptain to @BCCI president.Think it will b a gr8 insight 4 a cricketer to be an administrator & make others understand admin frm a players point of view Wish u were d president while d yoyo was in demand😂good luck dadi👊@SGanguly99
— yuvraj singh (@YUVSTRONG12) October 18, 2019
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Thank u the best .. u have won India world cups .. time to do good things for the game now .. u r my super star .. god bless always
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) October 18, 2019
उन्होंने कहा, अचानक ही मुझे वापस आना पड़ा और 36 साल की उम्र में ‘यो-यो टेस्ट’ की तैयारी करनी पड़ी. यहां तक कि ‘यो-यो टेस्ट’ पास करने के बाद मुझे घरेलू क्रिकेट में खेलने को कहा गया. उन्हें ऐसा लगा था कि मैं इस उम्र में इस टेस्ट को पास नहीं कर पाऊंगा. इससे उनके लिए मुझे बाहर करने में आसानी हो जाती. युवराज ने कहा, मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था, क्योंकि जिस खिलाड़ी ने 15-16 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला हो, उसे आपको सीधे बैठकर बात करनी चाहिए. किसी ने भी मुझे कुछ नहीं कहा, न ही किसी ने वीरेंदर सहवाग या जहीर खान से ऐसा कहा.
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युवराज ने 2007 के T-20 और 2011 के 50 ओवर विश्व कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. युवराज ने पहले भी कहा था कि योयो टेस्ट इसलिए लाया गया था, ताकि उन्हें टीम से बारर किया जा सके. 37 साल के युवराज ने इस साल जून में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी.
(इनपुट आईएएनएस)
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