विराट के साथ की थी टेस्ट करियर की शुरुआत, लेकिन छाप छोड़ने में नाकाम रहे ये दो खिलाड़ी
आज हम दो ऐसे क्रिकेटरों के बारे में बात करने जा रहे हैं. जिन्होंने टेस्ट करियर की शुरुआत मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ ही की थी. लेकिन उनका लक कोहली जैसा नहीं रहा और जल्द ही उनका टेस्ट करियर समाप्त हो गया.
नई दिल्ली:
क्रिकेट में प्रतिभा के साथ-साथ भाग्य भी अहम रोल अदा करता है. कोई अपनी मेहनत के बदौलत सही समय पर सही प्रदर्शन करके काफी आगे बढ़ा जाता है. लेकिन हर किसी के साथ कुछ ऐसा ही हो ये जरूरी नहीं. कई क्रिकेटर ऐसे हैं जिन्होंने घरेलू से लेकर आईपीएल तक में शानदार प्रदर्शन किए. इसी के बदौलत जल्दी ही भारतीय टीम में चयन भी हो गए. लेकिन वहां पर अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे और जल्द ही टीम में अपनी जगह भी गवां दी. आज हम दो ऐसे क्रिकेटरों के बारे में बात करने जा रहे हैं. जिन्होंने टेस्ट करियर की शुरुआत मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ ही की थी. लेकिन उनका लक कोहली जैसा नहीं रहा और जल्द ही उनका टेस्ट करियर समाप्त हो गया.
मौजूदा दौर में भारतीय क्रिकेट टीम में सबसे बड़े बल्लेबाज अगर कोई है तो वो हैं विराट कोहली. कोहली ना केवल भारत के बल्कि विश्व क्रिकेट के मौजूदा दौर में सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं. उन्होंने अपने करियर में अब तक जितनी जल्दी में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं उसे देख आने वाले समय में उन्हें स्रवश्रेष्ठ बल्लेबाज कहने में कोई आपत्ति नहीं होगी। सीमित ओवर की क्रिकेट हो या फिर टेस्ट क्रिकेट कोहली का बल्ला विरोधी गेंदबाज पर हमेशा हावी रहता है. कोहली आज टेस्ट क्रिकेट में अपने 100 टेस्ट खेलने के करीब खड़े हैं। वहीं उनके साथ टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले दो और बल्लेबाजों का लक कोहली जैसा नहीं रहा. वो दोनों खिलाड़ी महज कुछ ही टेस्ट खेलकर पूरी तरह से साइड लाइन हो चुके हैं.
अभिनव मुकुंद
कोई शक नहीं कि अभिनव मुकुंद एक बेहतरीन सलामी बल्लेबाज रहे हैं. उन्हें वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर के विकल्प के रूप में भी देखा जाता था. लेकिन समय के साथ मुकुंद उस तरह का प्रदर्शन करने में नाकाम रहे जिससे कि वो टीम में जगह पक्की करने में सफल हो सकें. मुकुंद ने साल 2011 में ही अपने टेस्ट क्रिकेट का आगाज किया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खराब प्रदर्शन की वजह से सलामी बल्लेबाज की रेश में अभिनव मुकुंद काफी पीछे रह गए और अपनी जगह टीम से गवां दी. हलांकि विराट कोहली की कप्तानी में साल 2017 में मुकुंद ने टेस्ट क्रिकेट में वापसी की लेकिन अपना छाप छोड़ने में फिर से नाकाम रहे. मुकुंद 2011 से लेकर अब तक भारत के लिए केवल 7 टेस्ट ही खेल सके और अब लगता नहीं है कि उन्हें फिर कभी मौका मिले.
प्रवीण कुमार
अभिनव मुकुंद की तरह ही गेंदबाज प्रवीण कुमार का भी करियर रहा. प्रवीण कुमार भी अभिनव मुकुंद ही विराट कोहली के साथ टेस्ट करियर की शुरुआत की थी. लेकिन क्रिकेट से संन्यास ले चुके प्रवीण कुमार अपने करियर में वो मुकाम हासिल करने में असफल रहे जो मुकाम विराट कोहली ने हासिल किया. विराट कोहली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई के साथ-साथ भारतीय टीम के तीनों प्रारूपों के कप्तान भी हैं जबकि प्रवीण का क्रिकेट करियर समाप्त हो चुका है. वापस की राह जोहते-जोहते वो साल साल 2018 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया. अब वो बतौर कॉमेंटेटर नजर आते हैं.
प्रवीण कुमार के करियर की बात करें तो उन्होंने भारत के लिए क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में खेला. उन्होंने 6 टेस्ट मैचों में 27 विकेट लिए. साथ ही करीब 15 की औसत से 149 रन भी बनाए. वहीं 68 वनडे में 77 विकेट अपने नाम करने में सफल रहे. इसके अलावे 10 टी-20 मैच में 8 विकेट अपने नाम किए हैं.
स्विंग गेंदबाज में महारथ हासिल प्रवीण कुमार को साल 2007 में वनडे डेब्यू का मौका मिला. इसके अगले साल यानि कि 2008 में टी20 क्रिकेट में भी चांस मिल गया। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका साल 2011 में मिला. यही वो साल है जब मौजूदा कप्तान विराट कोहली ने भी अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था. कोहली अपने प्रदर्शन की वजह से लागातार सफलताओं की सीढ़ियों पर चढ़ते गए जबकि प्रवीण और अभिनव मुकुंद जैसे खिलाड़ी जूझते नजर आए.
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