BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली का बढ़ सकता है कार्यकाल, पूरी तैयारी
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और इस वक्त बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) क्या दस ही महीने के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष रह सकेंगे या उनका कार्यकाल बढ़ सकता है.
New Delhi:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और इस वक्त बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) क्या दस ही महीने के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष रह सकेंगे या उनका कार्यकाल बढ़ सकता है. जब सौरव गांगुली अध्यक्ष (BCCI President Sourav Ganguly) बने थे, तब तो यही कहा जा रहा था कि उनका कार्यकाल दस महीने का ही रहेगा, हालांकि अब चीजें बदली हुई नजर आने लगी हैं. दरअसल एक दिसंबर को ही बोर्ड की एजीएम होने वाली है, इसमें कूलिंग ऑफ पीरियड (cooling off period) के नियम पर विचार किया जा सकता है, अगर ऐसा हुआ तो सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को इससे सीधा फायदा मिलेगा और वे अगले साल अगस्त तक अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं.
यह भी पढ़ें ः भारतीय तेज गेंदबाजों ने आस्ट्रेलिया को भी छोड़ा पीछे, दुनिया भर के बल्लेबाजों में खौफ
बीसीसीआई (BCCI) के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने सोमवार को कहा कि बोर्ड की आगामी वार्षिक आम बैठक (AGM) में पदाधिकारियों के 70 साल की उम्र सीमा को बदलने के बारे में विचार नहीं किया जाएगा, लेकिन कूलिंग आफ (दो कार्यकाल के बाद विश्राम का समय) के नियम को बदलने पर विचार किया जाएगा, क्योंकि इससे अधिकारियों के अनुभव का सही फायदा होगा. सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद पहली एजीएम के लिए जारी कार्यसूची में बोर्ड ने मौजूदा संविधान में महत्वपूर्ण बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आधारित सुधारों पर असर पड़ेगा.
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित नए कानून के मुताबिक बीसीसीबाई या राज्य संघों में तीन साल के कार्यकाल को दो बार पूरा करने वाले पदाधिकारी को तीन साल तक ‘कूलिंग आफ पीरियड’ में रहना होगा. बीसीसीआई के नए पदाधिकारी चाहते है कि ‘कूलिंग आफ’ का नियम उन पर लागू हो, जिन्होंने बोर्ड या राज्य संघ में तीन-तीन साल का दो कार्यकाल पूरा किया है, यानि बोर्ड और राज्य संघ के कार्यकाल को एक साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
यह भी पढ़ें ः महेंद्र सिंह धोनी मार्च में खेल सकते हैं इंटरनेशल क्रिकेट मैच, यहां जानें पूरी डिटेल
धूमल ने पीटीआई से कहा, हमने उम्र की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है. उसे पहले की तरह रहने दिया है. कूलिंग आफ पीरियड के मामले में हमारा मानना यह है कि अगर किसी ने राज्य संघ में काम का अनुभव हासिल किया है तो उस अनुभव का फायदा खेल के हित में होना चाहिए. अगर वह बीसीसीआई के लिए योगदान कर सकता है तो उसे ऐसा करना चाहिए. उन्होंने कहा, राज्य संघ में दो कार्यकाल पूरा करने के बाद अगर किसी का कूलिंग आफ पीरियड 67 वर्ष की उम्र में शुरू होता है तो इस अवधि के खत्म होने तक वह 70 साल का हो जाएगा और बीसीसीआई के लिए कोई योगदान नहीं कर सकेगा. बीसीसीआई चाहता है कि अध्यक्ष और सचिव को कूलिंग आफ से पहले लगातार दो कार्यकाल जबकि कोषाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को तीन कार्यकाल मिलने चाहिए.
यह भी पढ़ें ः क्रिस गेल का छलका दर्द, बोले जब रन नहीं बनाता हूं तो बोझ बन जाता हूं, कर दिया बड़ा ऐलान
सौरव गांगुली की अगुवाई में वर्तमान पदाधिकारियों ने पिछले महीने ही पदभार संभाला था, जिससे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति का 33 महीने का कार्यकाल समाप्त हो गया था. उन्होंने कहा, आप ने पिछले महीने बीसीसीआई के चुनावों में देखा होगा. निर्वाचन नामावली में शामिल 38 सदस्यों में सिर्फ चार या पांच के पास इससे पूर्व किसी बैठक में शामिल होने का अनुभव था. ऐसे में किसी ने अगर राज्य संघ में अनुभव हासिल किया है तो उस अनुभव का लाभ बीसीसीआई को मिलना चाहिए. आपने एक चाल में कई राज्यों में सभी पदाधिकारियों को अयोग्य करार दिया. धूमल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पहले भी लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों में छूट दी है जिसमें एक राज्य, एक वोट शामिल है. उन्होंने कहा, हम एजीएम में पारित हुए सभी संशोधनों को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रखेंगे. कुछ चीजों में हम व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं जिसके बारे में उन्हें अवगत कराएंगे. अगर न्यायालय हमारे संशोधनों से सहमत होता है तो हम उसे लागू करेंगे.
यह भी पढ़ें ः उर्वशी रौतेला के घर आया नन्हा मेहमान, क्या हार्दिक पांड्या ने किया है गिफ्ट
धूमल से जब पूछा गया कि अगर संशोधनों को मंजूरी मिल जाती है तो क्या लोढ़ा सुधार से समझौता किया जाएगा? तो उन्होंने कहा, कई सिफारिशों को सर्वोच्च न्यायालय ने खुद ही हटा दिया. वे समझ रहे थे कि एक राज्य एक वोट के संबंध में तकनीकी कठिनाइयां है. हमारे पास अधिकतर सिफारिशों को लेकर कोई समस्या नहीं है, लेकिन कुछ के साथ तकनीकी दिक्कतें हैं. सौरव गांगुली इस साल अक्तूबर में बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले 2015 से क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष थे. लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के मुताबिक कोई भी पदाधिकारी छह साल से ज्यादा पद पर नहीं रह सकता. उसके बाद उसे कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होता है. इस दौरान वह बीसीसीआई और राज्य बोर्ड में कोई पदभार ग्रहण नहीं सकता. बोर्ड द्वारा इसी नियम को बदलने पर चर्चा होने की संभावना है.
(इनपुट भाषा)
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी