सब्ज़ी बेचने वाले कि बेटी ने जीता एशियन गेम्स, कभी फटे जुटे पहनकर दौड़ी थी रेस
ऐश्वर्या आज जिस मुकाम पर पहुंची है, उसके पीछे उनका और उनके परिवार का एक लंबा संघर्ष रहा है. उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिला की ऐश्वर्या अपने परिवार के साथ मुंबई के दहिसर इलाके में रहती हैं.
नई दिल्ली:
एशियन गेम्स में भारत के खिलाड़ियों ने पूरी दुनिया में डंका पीट दिया है. इनमें से कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनके संघर्ष की कहानी सुनकर आप की आंखें भी नम हो जाएंगी. ऐसे ही एक कहानी है मुंबई के ऐश्वर्या मिश्रा की. पिता सब्जी बेचकर घर चलाते हैं लेकिन ऐश्वर्या की कड़ी मेहनत ने उन्हें ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया है पूरा देश आज गर्व कर रहा है. कहते हैं सूरज जैसा बनना है तो सूरज जैसा जलना होगा... चीन के हांगझू में खेले जा रहे एशियन गेम्स 2023 के 14वें दिन ऐश्वर्या मिश्रा 4×400 मीटर रिले दौड़ में सिल्वर मेडल जीतकर अपने परिवार के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन कर दिया. मगर ऐश्वर्या आज जिस मुकाम पर पहुंची है, उसके पीछे उनका और उनके परिवार का एक लंबा संघर्ष रहा है. उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिला की ऐश्वर्या अपने परिवार के साथ मुंबई के दहिसर इलाके में रहती हैं.
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पिता आज भी इसी इलाके में सब्ज़ी और फल बेचते हैं. कभी कब्बडी प्लेयर रहे ऐश्वर्या के पिता ने अपनी बच्ची की प्रतिभा को बचपन में ही पहचान लिया था. लिहाजा वे शुरू से ही ऐश्वर्या की ट्रेनिंग और प्रैक्टिस पर जोर देते रहे. आज आलम ये है कि घर में मेडल रखने की जगह तक नहीं है.
सब्ज़ी की दुकान की कमाई से भले घर चलाना भी मुश्किल था लेकिन पिता ने बेटी की जरूरतों को हर हाल में पूरा किया. ऐश्वर्या तब 16 साल की थी जब पिता ने उनकी प्रैक्टिस के लिए 14 हजार का जूता खरीदा था. महाराष्ट्र के दापोली में हुई एक रेस के दौरान ऐश्वर्या का जूता फट गया पैरों से खून निकल रहे थे लेकिन जीत का ज़िद्द इस तरह सवार थी. ऐश्वर्या ने यहां भी गोल्ड मैडल जीत कर ही दम लिया. पिता ने उस जुते को आज भी संभालकर रखा है, जिसपर उनकी बेटी के खून के दाग मौजूद हैं.
पिता और भाई की तरह ही ऐश्वर्या मिश्रा की मां भी अपनी खुशी को रोक नही पा रही हैं. जिस बेटी को आगे बढ़ाने के लिए मां के मंगलसूत्र गिरवी हैं, उस बेटी ने परिवार का मान इतना बढ़ा दिया है कि घर पर बधाई देने वालों की कतार लगी हुई है और मां को इंतजार है बेटी से मिलने का जो पिछले 32 हफ्तों से घर नहीं आई है.
सिर्फ परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे इलाके को इंतजार है कि ऐश्वर्या के घर लौटने का. इस छोटी सी बस्ती में ऐश्वर्या के नाम के बड़े—बड़े बैनर और होर्डिंग्स लगाए गए हैं. कभी किसी मामूली लड़की की तरह यहां की गलियों में घूमने वाली ऐश्वर्या आज यहां के लोगों के लिए हीरो बन चुकी है.
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