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Republic Day 2019: विशेष अतिथि को बुलाने की रही है परंपरा, 1950 से अब तक यह रहे हैं गेस्ट

शौर्य और पराक्रम का साक्षी बनने के लिए हर साल दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष या विशेष प्रतिनिधि को भारत में आमंत्रित किया जाता है.

Updated on: 23 Jan 2019, 10:39 PM

नई दिल्ली:

26 जनवरी को हमारा देश 70वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. गणतंत्र दिवस के इस राष्ट्रीय महापर्व को मनाने के लिए पूरे राजपथ को सजाया जा रहा है. ज़ाहिर है गणतंत्र दिवस के मौक़े पर हर साल परेड का आयोजन होता है, साथ ही सभी राज्यों की तरफ से झांकी निकाली जाती है. इस शौर्य और पराक्रम का साक्षी बनने के लिए हर साल दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष या विशेष प्रतिनिधि को भारत में आमंत्रित किया जाता है. इस साल गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि हैं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा. राष्ट्रपति रामाफोसा के साथ उनकी पत्नी त्सेपो मोत्सेपो भी सामारोह देखने भारत पहुंचेंगी. मुख्य अतिथि बनाने का फैसला भारत के राजनयिक हितों के मद्देनजर तय होता है.

बता दें कि 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस परेड की शुरूआत भारत में संविधान लागू होने के साथ साल 1950 से ही हो गई थी. साल 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस की परेड क्रमशः इरविन स्टेडियम (नेशनल स्टेडियम), किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में हुआ था. बाद में साल 1955 से गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन राजपथ पर शुरू होने लगा. उस दौरान राजपथ को 'किंग्सवे' के नाम से जाना जाता था.

गणतंत्र दिवस समारोह में हर साल किसी न किसी देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति या शासक को विशेष अतिथि के तौर पर सरकार द्वारा बुलाए जाने की परंपरा रही है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णो गणतंत्र दिवस समारोह में देश के पहले विशेष अतिथि बने थे.

वहीं 1955 में राजपथ पर आयोजित पहले गणतंत्र दिवस समारोह में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद विशेष अतिथि बने थे. वहीं साल 2018 में विशेष अतिथि के तौर पर आसियान देश के सभी 10 सदस्य देशों के प्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया था. इन 10 देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं.

गणतंत्र दिवस समारोह की शुरूआत राष्ट्रपति के आगमन के साथ होती है. राष्ट्रपति अपनी विशेष कार से, विशेष घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ आते हैं. ये घुड़सवार अंगरक्षक राष्ट्रपति के काफिले में उनकी कार के चारों तरफ चलते हैं.

राष्ट्रपति जब ध्वाजारोहण करते हैं तो उस वक्त उनके विशेष घुड़सवार अंगरक्षक भी वहीं मौजूद होते हैं और सावधान की मुद्रा में खड़े होकर तिरंगे को सलामी देते हैं. जिसके बाद राष्ट्रगान की शुरूआत होती है. राष्ट्रगान की शुरूआत से खत्म होने के दौरान यानी कि 52 सेकेंड तक 21 तोपों की सलामी दी जाती है.

भारतीय गणतंत्र दिवस परेड (1950 – 2017) पर मुख्य अतिथियों की सूची

साल अतिथियों के नाम देश
1950 राष्ट्रपति सुकर्णो इंडोनेशिया
1951 राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह नेपाल
1952 कोई आमंत्रण नहीं कोई आमंत्रण नहीं
1953 कोई आमंत्रण नहीं कोई आमंत्रण नहीं
1954                                जिग्मे दोरजी वांगचुक भूटान

1955 
  

गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद  पाकिस्तान
1956 राजकोष के कुलपति आर. ए. बटलर यूनाइटेड किंगडम
मुख्य न्यायाधीश कोटारो तनाका  जापान
1957 रक्षा मंत्री जॉर्जिया झुकोव सोवियत संघ
1958 मार्शल ये जियानिंग चीन
1959 एडिनबर्घ के ड्यूक प्रिंस फिलिप यूनाइटेड किंगडम
1960 अध्यक्ष क्लीमेंट वोरोशिलोव सोवियत संघ
1961 महारानी एलिजाबेथ द्वितीय यूनाइटेड किंगडम
1962 प्रधानमंत्री विग्गो कंम्पमन्न डेनमार्क
1963 राजा नोरोडोम सिहानोक कंबोडिया
1964 रक्षा स्टाफ के चीफ लॉर्ड लुईस माउंटबैटन यूनाइटेड किंगडम
1965 खाद्य और कृषि मंत्री राणा अब्दुल हमीद पाकिस्तान
1966 कोई आमंत्रण नहीं कोई आमंत्रण नहीं
1967 राजा मोहम्मद जहीर शाह अफगानिस्तान
1968 अध्यक्ष अलेक्सी कोसिगिन सोवियत संघ
राष्ट्रपति जोसीप ब्रोज टिटो यूगोस्लाविया
1969 प्रधानमंत्री टोडोर झिव्कोव बल्गेरिया
1970 बेल्जियम के राजा बौदौइन बेल्जियम
1971 राष्ट्रपति जूलियस न्येरे तंजानिया
1972 प्रधानमंत्री सीईवोसगुर रामगुलाम मॉरीशस
1973 राष्ट्रपति मोबूतु सेसे सेको जैरे
1974 राष्ट्रपति जोसीप ब्रोज़ टिटो यूगोस्लाविया
प्रधानमंत्री सिरिमावो बंडरानाइक श्रीलंका
1975 राष्ट्रपति केनेथ कौंडा जाम्बिया
1976 प्रधानमंत्री जाक शिराक फ्रांस
1977 प्रथम सचिव एडवर्ड गिरेक पोलैंड
1978 राष्ट्रपति पैट्रिक हिलेरी आयरलैंड
1979 प्रधानमंत्री मैल्कम फ्रेजर ऑस्ट्रेलिया
1980 राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कर्ड डी एस्टाइंग फ्रांस
1981 राष्ट्रपति जोस लोपेज पोर्टिलो मेक्सिको
1982 किंग जुआन कार्लोस आई स्पेन
1983 राष्ट्रपति शेहू शागरी नाइजीरिया
1984 किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुक भूटान
1985 राष्ट्रपति राउल अल्फोन्सिन अर्जेंटीना
1986 प्रधानमंत्री एंड्रियास पैपांड्रेउ ग्रीस
1987 राष्ट्रपति एलन गार्सिया पेरू
1988 राष्ट्रपति जे. आर. जयवर्धने श्रीलंका
1989 जनरल सचिव गुयेन वान लिन वियतनाम
1990 प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जुग्नथ मॉरीशस
1991 राष्ट्रपति ममून अब्दुल गयूम मालदीव
1992 राष्ट्रपति मारियो सोरेस पुर्तगाल
1993 प्रधानमंत्री जॉन मेजर यूनाइटेड किंगडम
1994 प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग सिंगापुर
1995 राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका
1996 राष्ट्रपति डॉ. फर्नांडो हेनरीक कार्डोसो ब्राजील
1997 प्रधानमंत्री बासदेव पांडे त्रिनिदाद एंड टोबैगो
1998 राष्ट्रपति जैक शिराक फ्रांस
1999 राजा बिरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव नेपाल
2000 राष्ट्रपति ओलेजगुन ओबासांजो नाइजीरिया
2001 राष्ट्रपति अब्देलजीज बुटीफिला अल्जीरिया
2002 राष्ट्रपति कसम उतेम मॉरीशस
2003 राष्ट्रपति मोहम्मद खटामी ईरान
2004 राष्ट्रपति लुइज इनासिओ लुला दा सिल्वा ब्राजील
2005 किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुक भूटान
2006 किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुलअजीज अलसऊद सऊदी अरब
2007 राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रूस
2008 राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी फ्रांस
2009 राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव कजाखस्तान
2010 राष्ट्रपति ली मयूंग बाक दक्षिण कोरिया
2011 राष्ट्रपति सुसिलो बांम्बांग युधोयोनो इंडोनेशिया
2012 प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनावात्रा थाईलैंड
2013 राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भूटान
2014 प्रधान मंत्री शिन्जो आबे जापान
2015 राष्ट्रपति बराक ओबामा संयुक्त राज्य अमेरिका
2016 राष्ट्रपति फ्रेंकोइस होलैंड फ्रांस
2017 क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान संयुक्त अरब अमीरात

गणतंत्र दिवस 2018 के प्रमुख अतिथि

सुल्तान हसन-अल बोलकिया ब्रुनेई
प्रधानमंत्री हुन सेन कंबोडिया
राष्ट्रपति जोको विडोडो इंडोनेशिया
प्रधानमंत्री थोंग्लौं सिसोलिथ लाओस
प्रधानमंत्री नजीब रजाक मलेशिया
राष्ट्रपति हतिन क्याव म्यांमार
राष्ट्रपति रॉड्रिगो डूटर्ट फिलीपींस
राष्ट्रपति हलीमा याकूब सिंगापुर
प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा थाइलैंड
ग्यूयेन तन जूंग वियतनाम